जेएनएनयूआरएम में भ्रष्टाचार की होगी जांच
जागरण संवाददाता कानपुर जेएनएनयूआरएम योजना के कार्यो में हुआ भ्रष्टाचार अब उजागर होगा। मुख्
जागरण संवाददाता, कानपुर : जेएनएनयूआरएम योजना के कार्यो में हुआ भ्रष्टाचार अब उजागर होगा। मुख्य सचिव के आदेश पर जांच के लिए मंडलायुक्त ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जांच टीम कामों का मौका-मुआयना करेगी और जरूरत पड़ने पर उसकी गुणवत्ता भी जांचेंगी।
जेएनएनयूआरएम के तहत शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 869.08 करोड़ रुपये के कार्य कराए गए थे। इस धनराशि से शहर में पाइप लाइन डाली गई। जोनल पंपिंग स्टेशन बनाए गए थे। आठ अरब रुपये खर्च होने के बाद भी शहर की आधी से अधिक आबादी को पानी नहीं मिल सका। इसकी बड़ी वजह योजना बड़े पैमाने पर हुआ भ्रष्टाचार है। जो पाइप डाले गए, उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि टेस्टिंग के दौरान फट जाते हैं। पानी का प्रेशर ही नहीं बर्दाश्त कर पाते हैं। यही वजह है कि पानी की सबसे बड़ी समस्या दक्षिण इलाके में है। चार दर्जन से अधिक पानी की टंकियां बनाई गई इनमें तमाम ऐसी हैं जिनका परीक्षण ही नहीं हो सका। पाइप लाइन डालने वाली कंपनी को सात साल पहले काली सूची में डाल दिया गया था और जमानत राशि छह करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए थे। अब अमृत योजना में डेढ़ अरब रुपये से काम शुरू होने जा रहे है, लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त जल निगम के अभियंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शहर आए तो विधायको और महापौर ने यह मुद्दा उनके समक्ष उठाया। अब मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय ने जांच कराने का आदेश दिया है तो मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कमेटी गठित कर दी है।
इन अफसरों को जिम्मेदारी
मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त पीएस शुक्ल, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता केके पाहूजा व सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आलोक चतुर्वेदी को जांच अधिकारी बनाया है।
इन कार्यो की होगी जांच
नवाबगंज, विष्णुपुरी, स्वरूप नगर, बेनाझाबर, ब्रह्मानगर, रामबाग, बेकनगंज, हालसी रोड, राजीव पार्क, जूही, प्रेमनगर, गीतानगर, पांडुनगर, निराला नगर, पीली बिल्डिंग, स्लाटर हाउस, गड़रियन पुरवा, दर्शनपुरवा, लाजपत नगर, चुन्नीगंज, गणेश उद्यान, फूलबाग, कर्नलगंज, ऊंचा पार्क, बाबूपुरवा, भैरोघाट, किदवई नगर, अजीतगंज, कौशिक पार्क, रायपुरवा गांधी पार्क, शास्त्री पार्क, जूही एवं गोविंद नगर व चीना पार्क आदि जगहों पर बनाए गए जोनल पंपिंग स्टेशन की जांच की जाएगी। साथ ही मुख्य पाइप लाइनों की गुणवत्ता जांची जाएगी।
आइआइटी भी कर रहा घटिया पाइपों की जांच
आइआइटी भी घटिया पाइपों की जांच कर रहा है। जल निगम मुख्यालय ने आइआइटी को जांच का जिम्मा दिया है। इससे असलियत सामने आएगी।
9 गुनहगारों पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई
पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने जल निगम के कामों की जांच कराई थी इसमें जल निगम के 9 अभियंता दोषी पाए गए थे, लेकिन चार साल गुजरने के बाद भी एक भी अभियंता पर कार्रवाई नहीं हुई।
फेज एक
लागत -393.93 करोड़ रुपये काम
- 20 करोड़ लीटर का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट गंगा बैराज
- 40 करोड़ लीटर पंप हाउस
- 51 किमी मुख्य पाइपलाइन
- 76 जोनल पंपिंग स्टेशन,
- 700 किमी पाइप आपूर्ति के लिए (फेज दो)
लागत-475.15 करोड़ रुपये
काम
- 40 करोड़ लीटर पंप हाउस
- 20 करोड़ लीटर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
- 65 किमी मुख्य पाइपलाइन
- 38 जोनल पंपिंग स्टेशन
- 957 किमी पाइप लाइन आपूर्ति के लिए।