बिना बिल्टी सामान मंगाकर दलाल लगा रहे रेलवे को लाखों का चूना, पल्लेदार तक ले लेते हैं बिल्टी छुड़ाने का ठेका
रेलवे स्टेशन के आसपास सक्रिय दलाल कुछ रेल कर्मियों से गठजोड़ कर बिना बिल्टी के ही तमाम सामान रेल से मंगा लेते हैैं। स्टेशन पर लगे पल्लेदार भी इतने प्रभावशाली हैं कि वह भी रेलवे से आए सामान को छुड़ाने का ठेका ले लेते हैैं।
कानपुर, जेएनएन। रेलवे में ट्रेनों के माध्यम से बिना बिल्टी सामान मंगवाने का खेल कोई नया नहीं बल्कि काफी पुराना है। रेलवे अधिकारियों और दलालों की मदद ये काम खूब अंजाम दिया जाता है। जब कभी इसकी भनक वाणिज्य कर अधिकारियों को लगती है तो खेल का खुलासा होता है अन्यथा पर्दे के पीछे सब चलता रहता है। सोमवार को भी ऐसे ही खेल का खुलासा हुआ। रेलवे में इसके तार कई दलालों से जुड़े हैं। हालात यह हैं कि यहां पल्लेदार तक बिल्टी छुड़ाने का ठेका ले लेते हैं।
सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों के जरिये होजरी, साड़ी, सुपारी, मछली समेत काफी सामान आता है। अलग-अलग सामान पर अलग-अलग कर तय है। इसके चलते जिन सामानों पर अधिक कर देना होता है उन्हेंं दूसरे सामान के नाम पर लगाया बिल्टी बनाकर लाया जाता है। जिसके बाद कागत पर कुछ और सामान कुछ होता है। इस खेल पर फिर रेलवे अधिकारियों के साथ जीआरपी और आरपीएफ का खेल शुरू होता है। ऐसी बिल्टी छुड़ाने के एवज में दलाल व्यापारी से सामान पहुंचाने का ठेका लेते हैं। सूत्रों की माने तो कुछ नाम हैं जिनसे पार्सल विभाग के अधिकारियों के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ अधिकारी भी रेलवे के परिसर से माल बाहर निकालने के लिए प्रत्येक गत्ते पर बीस रुपये आरपीएफ और इतना ही जीआरपी का तय है। इन रुपयों की वसूली जीआरपी और आरपीएफ के कारखास करते हैं। धन लूट का यह खेल यहीं नहीं रुकता, क्षेत्रीय चौकी और थाने का भी इसमें हिस्सा तय होता है। बस इसी तरह यह पूरा खेल चलता है।