कानपुर में गेहूं खरीद घोटाला : पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक और लेखाकार समेत पांच के निलंबन की संस्तुति
गेहूं खरीद घोटाले में सहायक निबंधक सहकारिता अंसल कुमार ने पीसीएफ के एमडी को निलंबन की संस्तुति रिपोर्ट भेज दी है। बिल्हौर के अरौल सिधौली और रहीमपुर विषधन क्रय केंद्र प्रभारी भी निलंबित किए जा सकते हैं ।
कानपुर, जेएनएन। गेहूं खरीद घोटाले में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन (यूपीपीसीएफ) के क्षेत्रीय प्रबंधक हरिओम शर्मा और लेखाकार अतुल शर्मा को निलंबित किया जाएगा। इससे पहले डीएम आलोक तिवारी के आदेश पर सहायक निबंधक सहकारिता सोमवार को क्षेत्रीय प्रबंधक, लेखाकार, अरौल, रहीमपुर विषधन और सिधौल के क्रय केंद्र प्रभारियों और अनुज ट्रेडर्स के प्रबंधक के विरुद्ध ककवन थाने में मुकदमा कराया था। अब निलंबन की संस्तुति भी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक को की है। तीनों केंद्रों के प्रभारी भी निलंबित किए जाएंगे।
क्रय केंद्रों की जांच की जिम्मेदारी एडीएम आपूर्ति, एसडीएम और विपणन विभाग के अफसरों की, मगर इनमें ज्यादातर निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। अरौल, सिधौली और रहीमपुर विषधन केंद्र तो मात्र बानगी हैं। कई केंद्र हैं जिनकी खरीद के कागजात तो राइस मिलों में रखे हैं और वहां औने पौने दामों पर गेहूं खरीदा जा रहा और फिर कुछ किसानों से मिलीभगत कर अधिक भुगतान किया जा रहा है। अरौल, विषधन और सिधौली केंद्र के नाम पर जिन किसानों से खरीद दिखाई गई है, अब उनके सत्यापन की भी जरूरत है। आशंका है कि इनमें से तमाम किसान हैं जिन्होंने गेहूं की खेती ही नहीं की थी। सर्वाधिक गेहूं खरीद मैदों गांव के किसानों के नाम पर दिखाई गई है। पुलिस किसानों से भी पूछताछ करेगी।
अब तीनों केंद्रों के प्रभारी, क्षेत्रीय प्रबंधक और लेखाकार के निलंबन की संस्तुति की गई है। एक दो दिन में वे निलंबित हो जाएंगे। सहायक निबंधक सहकारिता अंसल कुमार के मुताबिक कई और केंद्रों की जांच की जा रही है।
1.59 करोड़ रुपये का हो चुका है भुगतान
अरौल केंद्र पर 54 किसानों से 4705 क्विंटल, सिधौली में 50 किसानों से 4435 क्विंटल, रहीमपुर विषधन में 46 किसानों से 4479 क्विंटल गेहूं की खरीद दिखाई गई है। कुल 13,619 क्विंटल गेहूं की खरीद अनुज ट्रेडर्स ने दिखाई है। किसानों को कुल दो करोड़ 66 लाख 58 हजार रुपये का भुगतान किया जाना है। एक करोड़ 59 लाख 29 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है। संयोग ही था कि डीएम आलोक तिवारी के आदेश पर सहायक निबंधक ने जांच की और बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया।
इस तरह होता घोटाला
अगर किसी किसान ने सौ ङ्क्षक्वटल या उससे अधिक गेहूं बेचने के लिए अगर रजिस्ट्रेशन कराया है तो उसका सत्यापन एसडीएम स्तर से कराया जाता है। देखा जाता है कि वास्तव में इतना उत्पादन हुआ या है नहीं। सौ क्विंटल से कम गेहूं होने पर कोई सत्यापन नहीं होता। इसका लाभ क्रय केंद्र प्रभारियों और राइस मिल संचालक ने उठाया। सभी किसानों से सौ ङ्क्षक्वटल से कम खरीद दिखाई है।
पतारा के विपणन निरीक्षक निलंबित
पतारा में तैनात विपणन विभाग के निरीक्षक प्रशांत रंजन शुक्ल को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें पिछले दिनों ककवन से हटाकर पतारा ब्लाक में तैनाती दी गई थी, लेकिन उन्होंने 16 दिनों तक गेहूं की खरीद नहीं की। उन्हें चेताया भी गया, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी संतोष यादव ने विपणन निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आयुक्त को संस्तुति की थी।