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Weekend Lockdown In Kanpur: व्यापारी संगठनों ने उठाया पल्लेदारों की भूख मिटाने का बीड़ा, जानिए - क्या कहा

Weekend Lockdown In Kanpur शहर में कपड़ा लोहा किराना गल्ला बाजार गल्ला मंडी के अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में पल्लेदार काम करते हैं। इनमें किराना बाजार तो पहले से बंद है। गल्ला मंडी बुधवार से और कपड़ा बाजार तथा ट्रांसपोर्ट नगर गुरुवार से बंद हो गया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 01:25 PM (IST)
Weekend Lockdown In Kanpur: व्यापारी संगठनों ने उठाया पल्लेदारों की भूख मिटाने का बीड़ा, जानिए - क्या कहा
बाजारों के पल्लेदारों की पीड़ा से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। Weekend Lockdown In Kanpur रात आठ बजे 59 घंटे के शुरू होने वाले कर्फ्यू के साथ ही पल्लेदारों पर एक बार फिर संकट खड़ा हो सकता है। शहर में तमाम बाजारों और ट्रांसपोर्ट नगर में काम करने वाले पल्लेदारों के लिए दो जून नहीं अब दो दिन की रोटी का संकट होगा। हालांकि व्यापारिक संगठनों ने पूरी तरह आश्वस्त किया है कि किसी पल्लेदार को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा। सभी को भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी।

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शहर में कपड़ा, लोहा, किराना, गल्ला बाजार, गल्ला मंडी के अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में पल्लेदार काम करते हैं। इनमें किराना बाजार तो पहले से बंद है। गल्ला मंडी बुधवार से और कपड़ा बाजार तथा ट्रांसपोर्ट नगर गुरुवार से बंद हो गया। इन बाजारों में कई हजार पल्लेदार काम करते हैं। ये पल्लेदार दिनभर काम करते हैं और रात में यहीं दुकानों के आगे फुटपाथ पर सो जाते हैं। धीरे-धीरे बंदी के घंटों की संख्या बढऩे से ये पल्लेदार परेशान हैं।

इनकी भी सुनिए

  •  प्रतापगढ़ निवासी मनीष गुप्ता कलक्टरगंज गल्ला मंडी में ट्रांसपोर्ट में काम करते हैं। उनका कहना है कि लगातार बाजार भी बंद हो रहे हैं और अब रविवार तक बंदी भी है, इसलिए कमाई में मुश्किल आ रही है।
  • प्रतापगढ़ के ही गनेशी लाल साहू रुई की दुकान में ही पल्लेदारी करते हैं और दुकान में ही खाना बनाते हैं। उनके मुताबिक कोरोना से काम पहले ही काम है, अब दो दिन की रोजी नहीं मिल सकेगी।
  •  सुल्तानपुर निवासी रामतीरथ यादव कलक्टरगंज और धनकुट्टी में धनिया की आढ़त में पल्लेदारी करते हैं। दुकान में ही खाना बनाने वाले रामतीरथ का कहना है कि रोज कमाने खाने वालों के लिए यह समय संकट का है।
  •  रायबरेली के रामप्यारे का कहना है कि कारोबार कम होने से पल्लेदारी भी कम हो गई है। घर भी रुपये भेजने होते हैं। यह समय सबके लिए काफी कष्ट वाला है।

कारोबारी बोले

  • कलक्टरगंज के कारोबारी सहायकों को समस्या नहीं होने देंगे। अगर उन्हें कोई दिक्कत होगी तो उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी। - आशीष मिश्रा, अध्यक्ष, कलक्टरगंज उद्योग व्यापार मंडल।
  • पल्लेदार जहां काम करते हैं, वहां के ट्रांसपोर्टर उनका ख्याल रखते हैं, लेकिन ऐसा हुआ कि उनके सामने खाने की समस्या है तो संगठन उन्हें भोजन मुहैया कराएगा। - मनीष कटारिया, महामंत्री, यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन।

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