मौसम का हाल : मैदान पर उतरी पहाड़ों जैसी गलन, फिर बन रहे बारिश के आसार
कानपुर में मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है बीते दिनों बारिश के बाद पहाड़ों से सर्द हवाएं मैदानी क्षेत्रों की ओर आ रही हैं। सुबह से कोहरा छाने के साथ तापमान में गिरावट और बर्फीली हवाओं से गलन का अहसास होने लगा है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पहाड़ों से आ रही बर्फ़ीली हवाएं फिर ठंड बढ़ा रही हैं, जिससे यूपी के मैदानी इलाकों में भी पहाड़ों जैसी गलन का अहसास हो रहा है। शीत लहर ऐसी है कि लोगों के हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे हैं। गुरुवार की सुबह धुंध और कोहरा छाया रहा और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच सकीं। वहीं न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है और गुरुवार को न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक तापमान में कमी आने तथा सुबह कोहरा पड़ने की संभावना जताई है। वहीं आने वाले दिनों में आसमान में बादल छाने के साथ बारिश के आसार जताए जा रहे हैं।
सीएसए विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि वर्तमान में एक ट्रफ रेखा उत्तराखंड के दक्षिणी हिस्सों से उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी से गुजरते हुए उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है। वहीं ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 29 जनवरी तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की उम्मीद है। पूरे उत्तर भारत में अगले पांच दिनों तक ठिठुरन से निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।27 जनवरी से 30 जनवरी तक भीषण शीतलहर का अनुमान है। नए पश्चिमी विक्षोभ के आने के बाद दो फरवरी से आसमान में फिर से घने बादल छा सकते हैं और बारिश की संभावना हो सकती है। तब तक ठंड अपने चरम पर होगी।
डा. पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद कड़ाके की ठंड का दौर अब शुरू हो रहा है। अगले तीन चार दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में चार डिग्री तक पारा गिर सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने कानपुर, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ राज्य में शीतलहर व गलन बढ़ने की सम्भावना जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही सुबह व शाम धुंध के संकेत भी मौसम विभाग ने दिए हैं। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सोमवार को सबसे कम तापमान सीकर में 4 डिग्री दर्ज किया गया।