कानपुर में 2.6 डिग्री रिकार्ड किया गया न्यूनतम तापमान, आसमान पर छा रहे बादल, बन रहे बारिश के आसार
UP Weather News उत्तर पश्चिमी बर्फीली हवाएं भी लगातार शीतलहर और गलन बढ़ा रही हैं। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री पर पहुंच गया और 18 जनवरी की सुबह पिछले 22 वर्षों में सबसे ठंडी रही। मौसम वैज्ञानिकों ने अभी और ठंड बढ़ने की संभावना जताई है
कानपुर, जागरण संवाददाता। हिमालय के आसपास पश्चिमी विक्षोभ के कारण मैदानी इलाकों में फिर से बादल आने शुरू हो गए हैं। इसके कारण आने वाले दिनों में एक बार फिर बारिश होने के आसार हैं। इधर, उत्तर पश्चिमी बर्फीली हवाएं भी लगातार शीतलहर और गलन बढ़ा रही हैं। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री पर पहुंच गया और 18 जनवरी की सुबह पिछले 22 वर्षों में सबसे ठंडी रही। मौसम वैज्ञानिकों ने अभी और ठंड बढ़ने की संभावना जताई है, लिहाजा लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें।
सीएसए विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि हिमालय के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच गया है, जिसके कारण वहां बर्फबारी में बढ़ोत्तरी हुई है और बर्फीली हवाएं मैदानी इलाकों में आकर ठंड व गलन बढ़ा रही हैं। 21 तारीख के बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी आने वाला है, जिसके कारण आसमान में बादल और घने होंगे, जो बूंदाबादी व बारिश भी करा सकते हैं। इसके बाद दिन का तापमान और गिर सकता है और शीतलहर व गलन बढ़ सकती है। हालांकि रात के तापमान में मामूली इजाफा हो सकता है।
डा. पांडेय ने बताया कि प्रशांत महासागर में ला-नीना प्रभाव के कारण इस वर्ष पिछले वर्षों की अपेक्षा सर्दी देर तक पड़ने की संभावना जताई गई थी। जिस तरह से बार-बार पश्चिमी विक्षोभ उत्पन्न हो रहे हैं, इससे यही संभावना प्रतीत हो रही है कि पूरे जनवरी माह कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। साथ ही पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी होती रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ व उत्तर पश्चिमी हवाएं मिलकर शीतलहर, ठिठुरन व गलन बढ़ाती रहेंगी। एेसे मौसम में किसानों को भी अपनी फसलों की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत है। शीतलहर से बच्चों, बुजुर्गों व जानवरों को भी बचाने के लिए लोग विशेष सावधानी बरतें।