Weather Forecast Kanpur: ला नीना के असर से कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार, सताने लगीं सर्द हवाएं
मौसम विभाग की मानें तो ला नीना में समुद्र की सतह का तापमान कम हो जाता है जिसका कारण हवा की दिशा में बदलाव होता है। इस बार दक्षिण के शहरों में ठंड का ज्यादा असर होने की संभावना जताई जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। भूमध्य रेखा के आसपास और प्रशांत महासागर के करीब ला नीना सक्रिय हो गया है, जिसकी वजह से ठंडी हवा भारत और अन्य एशियाई देशों में आने लगी हैं।इस वर्ष अधिक सर्दी पड़ने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों ने भी ला नीना के असर की पुष्टि कर दी है। सीजन भर रुक रुक कर सर्दी पड़ेगी। तापमान में फिलहाल उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि यह समुद्र में होने वाला परिवर्तन है, जो कि सात से आठ साल में अल नीनो के बाद में होता है। अल नीनो में जहां समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, वहीं ला नीना में समुद्र की सतह का तापमान कम होने लगता है। इसके पीछे बड़ी वजह हवा की दिशा में बदलाव होना है। ला नीना के असर से इस बार सर्दी जल्दी और काफी पड़ सकती है। मौसम विभाग ने भी ला नीना के सक्रिय होने का दावा किया है। कानपुर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस हो गया है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। दोनों ही तापमान में दो से पांच डिग्री सेल्सियस तक परिवर्तन होगा।
यहां रहेगा असर
ला नीना में हवा की रफ्तार 55 से 60 किलोमीटर रहती है। मैदानी क्षेत्रों में यह 20 से 25 किलोमीटर की गति से चलती है। इसका असर इंडोनेशियाई क्षेत्र, मैक्सिको की खाड़ी, दक्षिणी अमेरिका समेत कई द्वीप पर पड़ेगा। दक्षिण के क्षेत्र में भी ठंड का अनुभव होगा।
दक्षिण क्षेत्र होंगे प्रभावित
इसके प्रभाव से सर्दियों में ठंडी हवा चलती रहेगी। सुबह-शाम के समय शीत लहरी भी चलेगी। ला नीना के असर से भारत के दक्षिणी और समुद्रतट के क्षेत्र भी प्रभावित होंगे।
पश्चिमी विक्षोभ हुआ सक्रिय
ला नीना के साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो गया है। यह कैस्पियन सागर की ओर से बनते हुए भारत, ऑस्ट्रेलिया और चीन अन्य देशों पर बारिश कराता है। इसकी दिशा मानसून से बिल्कुल विपरित रहती है।