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सुबह-सुबह मौसम का बदला मिजाज, तेज हवाओं के साथ होने लगी बरसात

बारिश होने से फिर बढ़ी ठंड, अगले तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना, फसलों को लेकर किसानों के चेहरे पर दिखी चिंता।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 02:00 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 02:00 PM (IST)
सुबह-सुबह मौसम का बदला मिजाज, तेज हवाओं के साथ होने लगी बरसात
सुबह-सुबह मौसम का बदला मिजाज, तेज हवाओं के साथ होने लगी बरसात

कानपुर, जेएनएन। बुधवार तड़के मौसम ने फिर करवट ली और कानपुर व आसपास के जिलों में बारिश हुई। बारिश के बाद तेज हवाएं चलीं और बदली छाई रही। इससे जहां ठंड बढ़ गई वहीं कुछ फसलों को भी नुकसान हुआ। अचानक बरसात होने से सुबह ठंड बढ़ गई। बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले तीन दिनों तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना है। जबकि उसके बाद अधिकतम तापमान में गिरावट आना शुरू हो जाएगी।

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कानपुर में बुधवार की सुबह बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान है कि रुक रुककर हुई इस शीतकालीन बारिश की मात्रा करीब दो मिमी रही। जिसके चलते ठंड बढ़ गई। हवा तेज होने से दोपहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी हुई। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। विक्षोभ के साथ स्थानीय चक्रवात मिलने के कारण बारिश हुई। बारिश व बदली के बाद आने वाले दिनों में खिली हुई धूप निकलेगी। जिससे अधिकतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही रात का तापमान भी कुछ बढ़ेगा।

वहीं कन्नौज में बेमौसम बारिश से किसानों की धड़कनें तेज हो गईं। ओला वृष्टि की आशंका से किसान सहमे रहे। बुधवार सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए थे। इसके बाद गडग़ड़ाहट के साथ बारिश होने लगी। छिबरामऊ तहसील के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने बताया कि इस बारिश से पछेती गेहूं की फसल की फायदा होगा, जबकि अन्य फसलों में नुकसान ही होगा। खेतों में आलू, चना, सरसों, मटर आदि खड़ी हैं। सरसों की फली और चने के फूल झडऩे से उत्पादन कम होगा। आलू की बेल गलने से उसके उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।

उधर फर्रुखाबाद में तड़के चार बजेे बरसात शुरू हो गर्ई। करीब एक घंटे रिमझिम के बाद कई बार रुक-रुक कर बरसात हुई। आसमान में घिरी काली घटाओं के कारण धूप नहीं निकली लेकिन कड़कती बिजली को देख किसानों के दिल धड़कते रहे। आलू किसान दयाराम ने बताया पानी ऐसे ही गिरता रहा तो सबसे ज्यादा नुकसान आलू की फसल को होगा। किसान सुरेश बाथम ने बताया सरसों की पकी खड़ी फसल को भी बारिश नुकसान पहुंचाएगी। पानी गिरने के बाद धूप से फली चटकने की संभावना ज्यादा रहती है। 


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