पहाड़ों पर हो रही बारिश से बढ़ा गंगा बैराज का जलस्तर, सिंचाई विभाग हुआ सतर्क, हाे रहे कई फायदे
चार दिन से पहाड़ी क्षेत्र में बारिश होने और नरोरा बांध से दो दिन से दो लाख क्यूसेक से ज्यादा जल छोड़े जाने से शहर में गंगा का जलस्तर बढ़ा है। शुक्लागंज का जलस्तर दो दिन पहले 111.19 मीटर था जो शनिवार को शाम तक 111.79 मीटर हो गया है।
कानपुर, जेएनएन। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने के साथ ही सिंचाई विभाग सतर्क हो गया है वहीं जलकल विभाग को जलस्तर बढ़ने का लाभ मिल रहा है। जलस्तर बढ़ने के चलते जलकल को गंगा जल भैरोघाट पंपिंग स्टेशन तक खींचने के लिए ड्रेजिंग मशीन नहीं लगानी पड़ रही है। साथ ही जलस्तर बढ़ने से जल में कलर कम होने के चलते रसायन भी कम लग रहा है। और क्लोरीन की भी बचत हो रही है।
जलकल को अभी गंगा से पानी खींचने के लिए दो ड्रेजिंग मशीन चलानी पड़ रही थी। चार दिन से पहाड़ी क्षेत्र में बारिश होने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके चलते अब ड्रेजिंग मशीन नहीं लगानी पड़ रही है। सीधे पानी भैरोघाट पंपिंग स्टेशन तक पहुंच रहा है। इससे जलकल का रोज खर्च होने वाला ईधन बच रहा है। जल का कलर भी पहले से बेहतर हुआ है। अभी जल को शुद्ध करने के लिए सात टन फिटकरी डालनी पड़ रही थी अब चार टन फिटकरी में ही पानी ट्रीट हो रहा है। इसके अलावा क्लोरीन भी कम लग रही है। पहले 11 सौ किलोग्राम क्लोरीन मिली है। अब घटी है।
वहीं नरोरा बांध से दो दिन से दो लाख क्यूसेक से ज्यादा जल छोड़े जाने से शहर में गंगा का जलस्तर बढ़ा है। शुक्लागंज का जलस्तर दो दिन पहले 111.19 मीटर था जो शनिवार को शाम तक 111.79 मीटर हो गया है। इससे निपटने के लिए सिंचाई विभाग ने शुक्रवार को सुबह तक 30 में बीस गेट खोल रखे थे जो शुक्रवार की रात तक सभी 30 गेट खोल दिए गए है। अभी माना जा रहा है कि नरोरा बांध से ज्यादा पानी आएगा। गेट खुले रहने से पानी आसानी से आगे निकल जाएगा। इससे कटरी क्षेत्र में पानी बढ़ने का खतरा नहीं रहेगा। नहीं तो कटरी से लगे गांव में जलभराव हो सकता है। इन गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा नजर रखी जा रही है। ताकि कोई अनहोनी से निपटा जा सके।