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कानपुर की इटावा बाजार समेत कई मौहल्लों में जल संकट, लीकेज पाइपलाइन से सड़क पर बह रहा पानी

जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन के तहत जब क्षेत्र में पेयजल के लिए पाइप लाइन पड़ने शुरू हुए तो लोगों को लगा कि अब पीने के पानी के लिए नहीं जूझना होगा। लेकिन सात साल से पानी नहीं मिला उल्टा जलभराव की समस्या पैदा हाे गई।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 04:52 PM (IST)
कानपुर की इटावा बाजार समेत कई मौहल्लों में जल संकट, लीकेज पाइपलाइन से सड़क पर बह रहा पानी
पेयजल लाइन पड़ी लेकिन लीकेज में ही फंस रहा पानी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। पेयजल लाइन होने के बाद भी इटावा बाजार समेत कई इलाकों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। लाइन पड़े हुए सात साल हो चुका है लेकिन लीकेज में ही पानी फंसा हुआ है। घर तक पहुंचने से पहले ही पानी सड़कों में बह जाता है। एक अौर जनता को पीने का पानी नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ लीकेज के कारण सड़क पर पानी भर रहा है इससे सड़कें उखड़ रही है।

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जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन के तहत जब क्षेत्र में पेयजल के लिए पाइप लाइन पड़ने शुरू हुए तो लोगों को लगा कि अब पीने के पानी के लिए नहीं जूझना होगा। गंगा बैराज से प्लांट चला अौर क्षेत्र में पानी पहुंचा तो लोगों को लगा कि अब पानी मिल जाएगा, लेकिन सात साल से पानी नहीं मिली उल्टे नरक हो गया है।

जलनिगम की लापरवाही के चलते इटावा बाजार, मेस्टन रोड, कुरसवां,  जनरलगंज, शिवाला समेत कई इलाकों में पानी नहीं पहुंचा। इटावा बाजार में रहने वालों को कहना है कि पानी नहीं अआने पर घटों हैंडपंप में लाइन लगाकर पानी भरना पड़ता है या फिर पड़ोसियों से सबमर्सिबल पंप से पानी लेना पड़ता है।  हर रोज पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।इस क्षेत्र मे पानी की समस्या कई वर्षो से बनी हुयी है शिकायत करने पर कुछ दिन राहत मिलती है।जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए सब आते है बडे़ बडे़ वादे करके चले जाते है। क्षेत्र में लगे हैंडपंप भी खराब पड़े है। इसके चलते दूर लगे हैंडपंपों में पानी भरने के लिए जाना पड़ता है। समस्या का निस्तारण नहीं होगा तो आंदोलन किया जाएगा।प्रमोद कुमार, ज्ञानेंद्र विश्वनोई, अाशिष, अंकुर त्रिवेदी ने बताया कि घटिया पाइप डालने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। अरबों रुपये की योजना केवल कागज में ही सिमट गयी है।यह भी नहीं तय है कि कब पीने का पानी मिलेगा।


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