बेहतर प्रदशर्न न कर पाने पर 131 आइआइटियंस को चेतावनी, दो वर्षों में 13 हो चुके टर्मिनेट
शैक्षणिक मूल्यांकन के आधार पर चिह्नित किए गए छात्र। सीनेट की अगली बैठक तक नहीं किया सुधार तो होगा एक्शन।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी के 131 कमजोर छात्रों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। संस्थान के शैक्षणिक मूल्यांकन में चिह्नित इन छात्रों का सीजीपीए (क्यूमूलेटिव ग्रेड प्वाइंटस एवरेज) सेमेस्टर परीक्षाओं में बेहद कम मिला। सभी को 31 दिसंबर तक का समय दिया है। इस बीच स्थिति सुधरती है तो ठीक अन्यथा सीनेट की बैठक में उन पर कार्रवाई तय होगी।
हालांकि इससे पहले छात्रों के टर्मिनेशन की चर्चा से खलबली मची रही। छात्र और परिवारीजन परेशान रहे, हालांकि बाद में आइआइटी प्रशासन के स्थिति और प्रक्रिया को स्पष्ट किया। बीते दो वर्षों में 500 से अधिक छात्रों को कमजोर के रूप में चिह्नित किया जा चुका है। बेहतर प्रदर्शन न करने पर 13 को ही बाहर का रास्ता दिखाया गया।
संस्थान में हर सेमेस्टर के बाद सीनेट की बैठक होती है। इसमें शैक्षणिक व्यवस्था, सदस्यों की संख्या बढ़ाने-घटाने, कितने छात्र प्रोग्राम परिवर्तित कर रहे हैं, कौन विदेशी यूनिवर्सिटी से कोर्स करने की तैयारी कर रहा है, इस पर निर्णय होता है। बेहतर प्रदर्शन न करने पर वर्ष 2016 में सात और 2017 में छह छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
सोमवार को सीनेट की बैठक हुई, जिसमें 31 नए सदस्य प्रोफेसर शामिल हुए। साथ ही विभागों के डीन और विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे। सभी एचओडी ने पढ़ाई में बेहद कमजोर छात्रों की सूची भी प्रस्तुत की। कमजोर चिह्नित सभी 131 छात्रों से सुधार की अपेक्षा की गई। मेडिकली अनफिट हुए पांच छात्रों को दोबारा नए सेमेस्टर से शैक्षणिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मिली।
आइआइटी के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि सीनेट की बैठक में पढ़ाई में कमजोर 131 छात्रों को चिह्नित किया गया है। ये सभी मर्सी अपील कर सकते हैं। 31 दिसंबर को सीनेट की बैठक में इन पर निर्णय लिया जाएगा। छात्रों को प्रदर्शन सुधारने का कई बार मौका दिया जाता है। सुधार न आने पर ही नोटिस के साथ कार्रवाई की जाती है।