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गंगा स्वच्छता का काम कम, हीलाहवाली ज्यादा

गंगा की स्वच्छता के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। ऊपर से कुंभ भी निकट है। ऐसे में गंगा की निर्मलता प्रतिष्ठा का प्रश्न है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 02:39 PM (IST)
गंगा स्वच्छता का काम कम, हीलाहवाली ज्यादा
गंगा स्वच्छता का काम कम, हीलाहवाली ज्यादा

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा की स्वच्छता के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। ऊपर से कुंभ भी निकट है। ऐसे में गंगा की निर्मलता प्रतिष्ठा का प्रश्न है। गंगा की सफाई के लिए पैसा देने में सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। समय सीमा पर काम हो जाए, इसकी सख्त हिदायत दी है। मगर, सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का ठेका संभाले निजी कंपनियां काम कम, हीलाहवाली ज्यादा कर रही हैं। गंगा को प्रदूषित करने में बदनाम सीसामऊ नाला का दूसरा हिस्सा मोड़ने का काम आए दिन किसी ने किसी बाधा के चलते अटक रहा है, वहीं सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव का काम शुरू नहीं हुआ है। समय सीमा पूरा होने में गिनती के दिन बचे हैं तो सुस्त पड़े कामों पर नोटिस और चेतावनी का दौर तेज हो गया है। जल निगम ने दोनों कंपनियों को नोटिस जारी कर चेताया है।

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पाइप न जोड़ने से लटका सीसामऊ नाला मोड़ने का काम

महज कुछ इंच पाइप न बदलने के चलते सीसामऊ नाला मोड़ने का काम रुका पड़ा है। काम कर रही कंपनी के पास एक दिन बचा है। जलनिगम ने जीएसजे कंपनी को नोटिस जारी किया है कि अगर सोमवार से नाला मोड़ने का काम शुरू नहीं हुआ तो दूसरी कंपनी से काम कराया जाएगा। हर्जा व खर्चा जीएसजे कंपनी को देना होगा। 15 नवंबर तक हर हाल में गंगा में गिर रहे नाले को बंद करना है। सीसामऊ नाला के दूषित पानी को पंपिंग स्टेशन तक पहुंचाने के लिए लोहे के टी प्वाइंट में पांच नवंबर को टेस्टिंग के दौरान लीकेज हो गया था। एक पाइप में भी लीकेज हो गया था। इसे बदला जाना है। दो दिन दीपावली के चलते काम रुका रहा। शनिवार से पाइप बदलने का काम शुरू हुआ। कंक्रीट का बेस भी बनाया जाना है। ऐसे में कंपनी के पास सिर्फ एक दिन बचा है। बता दें, मंडलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने पिछले दिनों निरीक्षण के दौरान जल निगम के अफसरों को आदेश दिए थे कि 15 नवंबर से नाले से एक बूंद भी दूषित पानी गंगा में न जाए।

बाबाघाट में मोटर ठीक, रुका गंगा में जाने से दूषित पानी बाबाघाट में जलकल की मोटर फूंक जाने से नाला ओवरफ्लो होकर गंगा में गिर रहा था। जलकल ने शनिवार को मोटर ठीक करा दी। इसके बाद से नाला ओवरफ्लो होना बंद हो गया है। नवाबगंज व डबका नाला पहले ही बंद हो गए हैं।

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एसटीपी का रखरखाव न शुरू होने पर कंपनी को नोटिस

शहर में बने और बन रहे सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन व रखरखाव का ठेका मुंबई की शापुर पालोनजी कंपनी को मिला है। कंपनी को प्लांट का रखरखाव 15 साल तक करना है। इसके लिए टेंडर में धन की व्यवस्था भी है। स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का गठन न होने के कारण रखरखाव और संचालन का काम नहीं शुरू हो पा रहा है। यह काम अक्टूबर में ही शुरू होना था। लापरवाही और देरी को लेकर जल निगम ने कंपनी को नोटिस दिया है।

कंपनी 28 करोड़ रुपये जमानत के तौर पर जमा कर चुकी है। बाकी प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। वर्कआर्डर के दस्तावेज तैयार हो गए हैं। बस कंपनी को हस्ताक्षर करने हैं। शापुर पालोनजी को पनका, उन्नाव और शुक्लागंज में एसटीपी का निर्माण और शहर में चल रहे एसटीपी के संचालन के लिए 816 करोड़ रुपये का ठेका है। जल निगम के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने बताया कि कंपनी को नोटिस दे दी है। बाकी कार्यवाही लगभग पूरी हो गई है। केवल एसपीवी का गठन बाकी है।

ये हैं एसटीपी

जाजमऊ- 130, 36, 43 (शुरू होना है) और पांच एमएलडी एसटीपी।

बिनगवां - 210 एमएलडी

सजारी - 42 एमएलडी (शुरू होना है)

बनियापुरवा - 15 एमएलडी (निर्माण चल रहा हैं)


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