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Vikas Dubey News: राजनीतिक रसूख बचाने के लिए मैदान में आ सकती है रिचा दुबे, बिकरू आरक्षित अब घिमऊ पर निगाहें

Panchayat Chunav Kanpur चौबेपुर में बिकरू कांड के बाद जिला पंचायत की घिमऊ सीट और प्रधान सीट के आरक्षण पर सभी की निगाहें थीं। इस सीट पर विकास की बहू जिला पंचायत सदस्य थी अब फिर पत्नी के चुनाव लडऩे की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 12:42 PM (IST)
Vikas Dubey News: राजनीतिक रसूख बचाने के लिए मैदान में आ सकती है रिचा दुबे, बिकरू आरक्षित अब घिमऊ पर निगाहें
बिकरू कांड के बाद पंचायत चुनाव पर सभी निगाहें बनी हुई हैं।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के बाद पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियों ने जोर पकड़ा है तो वहीं प्रशासन भी पहले से पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिला पंचायत की घिमऊ सीट और प्रधान पद के लिए बिकरू गांव की सीट के आरक्षण को लेकर सभी की निगाहें बनी थीं। अब आरक्षित सीट तय होने के बाद घिमऊ सीट पर मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।

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बिकरू गांव पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शातिर अपराधी विकास दुबे का गांव है और यहां से उसकी बहू प्रधान थी, जबकि घिमऊ सीट से विकास की पत्नी रिचा दुबे जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। इससे पहले भी इस सीट पर विकास की बहू रीता दुबे जिला पंचायत सदस्य थी। घिमऊ सीट सामान्य हो गई है, ऐसे में रिचा दुबे फिर से चुनावी समर में उतरने की संभावना बरकरार है। हालांकि प्रधान पद पर विकास के परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं उतर सकेगा, क्योंकि यह सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित कर दी गई है।

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जिला पंचायत की घिमऊ सीट वैसे तो पिछले दो चुनावों में भी चर्चा में रही, क्योंकि दोनों ही बार इस सीट पर शातिर अपराधी विकास दुबे का ही दबदबा रहा। जुलाई में बिल्हौर के सीओ सहित आठ सिपाहियों की हत्या के बाद विकास दुबे जब मारा गया तो विकास की पत्नी रिचा दुबे भी चर्चा में आई। अब हर किसी की निगाह इसी सीट पर थी। राजनीति में रुचि रखने वालों के साथ ही आम मतदाता भी यह जानना चाहते थे कि इस सीट का आरक्षण क्या होगा।

अब इसे सामान्य घोषित कर दिया गया है तो यह माना जा रहा है कि अपने राजनीतिक रसूख को बचाए रखने के लिए रिचा फिर से मैदान में आ सकती है। हालांकि अब उसे किसी पार्टी से टिकट मिलने की उम्मीद एकदम कम नही है। इसी तरह बिकरू गांव में प्रधान और बीडीसी सदस्य के पद पर पिछले कई चुनाव से वही जीतता था, जिसे विकास दुबे का आशीर्वाद प्राप्त होता था। पिछले चुनाव में विकास की बहू अंजली प्रधान बनी थी। अब यह सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो गई है। गांव में प्रधान पद पर काबिज होने के लिए गोलबंदी शुरू हो गई है।


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