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Vikas Dubey News: आयकर विभाग ने बनाई जय बाजपेई की 17 संपत्तियों की सूची, साक्ष्य जुटाने में जुटी टीम

जय बाजपेई की 17 संपत्तियों में बहुत सी संपत्तियां जय बाजपेई के नाम पर ना होकर दूसरों के नाम पर हैं। विभाग यह लिंक तलाश रहा है कि कैसे इन संपत्तियों के मालिक जय बाजपेई से जुड़े हुए हैं।

By ShaswatgEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 01:26 PM (IST)
Vikas Dubey News: आयकर विभाग ने बनाई जय बाजपेई की 17 संपत्तियों की सूची, साक्ष्य जुटाने में जुटी टीम
विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। आयकर विभाग ने विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की 17 संपत्तियों की सूची तैयार की है। इसमें प्लाट, भवन सभी तरह की संपत्तियां हैं। अब विभाग इन सभी संपत्तियों से जुड़े कागजात और उनके इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रहा है ताकि इन पर बेनामी विंग अपनी कार्रवाई शुरू कर सके।

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किसी अन्य के नाम पर भी हैं संपत्तियां

विकास दुबे के वित्तीय प्रबंधक के रूप में सामने आए विकास दुबे के साथी जय बाजपेई को गिरफ्तार किया जा चुका है वहीं प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस के साथ ही आयकर विभाग भी उसकी संपत्तियों की जानकारी शुरू से ही जुटा रहा है। आयकर विभाग को अब तक जय बाजपेई की 17 संपत्तियों की जानकारी हो चुकी है और उसने इनकी सूची भी बनाई है। हालांकि इसमें से बहुत सी संपत्तियां जय बाजपेई के नाम पर ना होकर दूसरों के नाम पर हैं। आयकर विभाग मानना है कि इन संपत्तियों को जय बाजपेई ने अपने नाम की जगह अपने करीबियों के नाम से खरीदा। इन संपत्तियों में विकास दुबे का अपराध के जरिए कमाया गया धन भी खपाया गया है।

संपत्तियों से जुड़ी जानकारियां जुटा रहा विभाग

विभाग ने इन संपत्ति के मालिकों की भी जानकारी कर ली है। अब विभाग यह लिंक तलाश रहा है कि कैसे इन संपत्तियों के मालिक जय बाजपेई से जुड़े हुए हैं। ये संपत्तियां कब खरीदी गईं और विक्रेता को जो धन चुकाया वह किस तरह और किसने चुकाया था। अगर बैंक खाते से धन चुकाया गया तो बैंक खाता किसका था और अगर नकद धनराशि दी गई तो जिस व्यक्ति की संपत्ति है क्या उसकी आॢथक स्थिति ऐसी है कि वह उस संपत्ति को खरीद सकता। आयकर विभाग इन सभी संपत्तियों को बेनामी विंग की जांच में देने की तैयारी कर रहा है लेकिन जांच में जाने से पहले वह सभी साक्ष्य जुटा लेना चाहता है ताकि एक बार मामला बनाने के बाद उसे खारिज ना किया जा सके।


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