Bikru Case Update: झोले में असलहे और छिपाने को ऊपर से भर दी थी सब्जी, सात जगह छिपाकर रखे गए विकास दुबे के हथियार
एसटीएफ की जांच में विकास दुबे असलहों को लेकर चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। औरैया के शादी समारोह में विकास दुबे के हथियार लहराये जाने की जानकारी के बाद अब वीडियो फुटेज की तलाश की जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड को लेकर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, दुर्दांत विकास दुबे के मददगारों की फेहरिस्त बढऩे के साथ ही उनके नए-नए कारनामे भी सामने आ रहे हैं। बिकरू जैसा कांड अंजाम देने के बाद भी विकास के गुर्गे पुलिस से पूरी तरह से बेखौफ थे। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि नरसंहार करने वाले हथियारों को औरैया में एक शादी समारोह में खुलेआम लहराया गया था। अब शादी समारोह का वीडियो फुटेज मांगा गया है, ताकि पता चल सके कि उस समारोह में विकास के कौन-कौन से गुर्गे शामिल थे।
चौबेपुर के बिकरू में दो जुलाई की रात विकास दुबे व उसके गुर्गों ने दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला करके सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। एसटीएफ ने पिछले दिनों विकास दुबे के हथियारों के साथ सात मददगारों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के आधार पर एसटीएफ अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे ने बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद कानपुर देहात के जगमनपुर निवासी राधे से संपर्क किया। विकास जिस झोले में हथियार डालकर ले गया था, उसमें ऊपर से सब्जी डाल दी थी, ताकि चेकिंग में किसी को शक न हो।
विकास ने अपने हथियार रसूलाबाद में छोड़ दिए थे, जिन्हें दीपावली के बाद राधे अपनी वैगनआर कार में डालकर रूरा के धनीरामपुर गांव ले गया। करीब एक महीने बाद गिरफ्तार अभिनव उर्फ चिंकू ने कानपुर देहात में अपने पुराने पुश्तैनी घर में इन हथियारों को रखवा दिया। दिसंबर में ये हथियार संजय परिहार के पास आ गए। इसी दौरान संजय की फुफेरे भाई की शादी औरैया के मलहार गांव में हुई। संजय साथियों के साथ विकास दुबे के हथियारों को लेकर गया और जमकर हर्ष फायरिंग की। एसटीएफ अब इस शादी के वीडियो फुटेज तलाश रही है।
एक गुर्गे को पकड़कर दिया था छोड़
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि पुलिस ने बिकरू कांड के बाद चार जुलाई को विकास दुबे के गुर्गे मोहित अवस्थी को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी और हलका प्रभारी केके शर्मा ने पूछताछ करके उसे छोड़ दिया था। एसटीएफ की मानें तो मोहित को विकास दुबे के छिपने के ठिकाने पता थे। पुलिस सख्ती करती तो वह कानपुर देहात में ही पकड़ा जाता।