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Bikru Case Update: बड़ी उलझन में आया पुलिस महकमा, कौन थे सीओ बृज सिंह नहीं है कोई रिकॉर्ड

बिकरू कांड के बाद एसआइटी की जांच में सामने आया है कि विकास दुबे के भाइयों के शस्त्र लाइसेंस पर सीओ बृज सिंह ने मुहर लगाई थी। अब काफी तलाश के बाद भी उनका रिकार्ड पुलिस मुख्यालय में नहीं मिल रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 12:45 PM (IST)
Bikru Case Update: बड़ी उलझन में आया पुलिस महकमा, कौन थे सीओ बृज सिंह नहीं है कोई रिकॉर्ड
बिकरू कांड में सामने आई पुलिस की एक और चूक।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में पुलिस की उलझने कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एसआइटी जांच में आरोपित अनाम सीओ पुलिस महकमे के लिए बवाल-ए-जान हो गया है। लंबी कवायद के बाद बमुश्किल बृज सिंह का नाम पता चला लेकिन पुलिस मुख्यालय के पास इस नाम के सीओ का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। ऐसे में सीओ स्तर की जांच पूरी होने में देरी हो सकती है।

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जांच में सामने आए थे 11 सीओ के नाम

वरिष्ठ आइएएस संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने 11 सीओ और 37 गैर राजपत्रित पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। सीओ स्तर के अधिकारियों की जांच एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार को मिली थी। इसमें से एक सीओ प्रोन्नत होकर आइपीएस हो चुके हैं। इनके खिलाफ हो रही जांच अब डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह कर रहे हैं, जबकि बाकी बचे दस सीओ स्तर के अधिकारियों में एक का नाम न होकर केवल तैनाती समय का जिक्र था। लंबी छानबीन के बाद बताया गया कि उनका नाम बृज सिंह है। नाम के सत्यापन के लिए फाइल पुलिस मुख्यालय भेजी गई थी।

सीओ का रिकार्ड न मिलने से अटकी जांच

एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यालय से उन्हें मौखिक जानकारी दी गई है कि इस नाम से किसी सीओ का रिकार्ड विभाग के पास नहीं है। ऐसे में जांच लटक गई है। गौरतलब है कि उक्त अनाम सीओ से 12 जुलाई 1997 व 24 जुलाई 1997 को विकास दुबे के भाई दीपू दुबे और अविनाश दुबे के शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत किए थे। अविनाश दुबे की मृत्यु हो चुकी है।

नहीं मालूम थे दो सीओ के नाम

एसआइटी की जांच में चिहि्नत 11 सीओ में दो के नाम नहीं पता था। 24 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ बिल्हौर और 12 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ रसूलाबाद की नियुक्ति के नाम पता नहीं चल पाए थे। बाद में एक सीओ के नाम की जानकारी मिली तो बिल्हौर में उस समय बृज सिंह के नाम से सीओ कार्यरत थे। इसके बाद उनका रिकार्ड पता करने के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा गया था।


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