Bikru Case Update: विकास दुबे ने तबाह कर दिया परिवार, मैं अकेली बुढ़िया जबतक जिंदगी है, बोझ उठा रही हूं...
बिकरू कांड में विकास दुबे के सहयोगी अतुल दुबे और उसके बेटे की मौत के बाद बहू एक बेटा व पोते के जेल जाने के बाद अकेली मां को अब दस साल पहले रूठकर घर से गए बेटे का इंतजार है। उसने अबतक सुध नहीं ली है।
कानपुर, जेएनएन। विकास दुबे ने मेरा पूरा परिवार तबाह कर दिया। एक बेटा और पोता पुलिस ने मार दिया। एक बेटा, बहू और पोते ही पत्नी जेल में है। एक नाती पुलिस के डर से दरबदर की ठोकरें खा रहा हैं। मैं अकेली बुढि़या जब तक जिंदगी है, उसका बोझ उठा रही हूं। अब इंतजार केवल उस बेटे का है, जो कि दस साल पहले घर छोड़कर परिवार सहित कहीं चला गया था। यह कहना है वारदात के दूसरे दिन तीन जुलाई को ही पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे की मां ज्ञानवती देवी है।
उम्र के लगभग 80 पड़ाव पार कर चुकी ज्ञानवती देवी का हंसता खेलता परिवार था। उनका आरोप है कि विकास दुबे की वजह से उनका पूरा परिवार तबाह हो गया। वह बताती हैं कि उनके तीन बेटे थे। अतुल दुबे, संजू दुबे और गोविंद दुबे। अतुल दुबे और संजू दुबे के बेटे अमर दुबे को पुलिस मुठभेड़ में मार चुकी है। जबकि संजू दुबे, उसकी पत्नी और अमर दुबे की पत्नी इस समय जेल में है। अतुल का बेटा वितुल दुबे पुलिस के डर से मारा-मारा फिर रहा है।
ज्ञानवती देवी ने बताया कि उनका सबसे छोटा बेटा गोविंद दुबे दस साल पहले परिवार के साथ गांव छोड़कर कहीं चला गया था। तब से उसका कोई अतापता नहीं है। ज्ञानवती देवी कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि गोविंद को दो जुलाई की वारदात के बारे में जानकारी नहीं मिली होगी। बावजूद उसके उसने उनकी सुध नहीं ली। इस मुश्किल वक्त में अब वह गोविंद की ही राह देख रही हैं। अगर वह वापस आए तो जेल में बंद परिवार के सदस्यों की जमानत का कोई इंतजाम हो। बातचीत के दौरान ज्ञानवती देवी ने कई बार विकास दुबे को कोसा कि उसकी वजह से ही उनका परिवाह तबाह हो गया।