Vikas Dubey News: विकास गांव भर के असलहों का करता था इस्तेमाल, अकेले नौकर के नाम तीन लाइसेंसी असलहे
पुलिस ने जांच के दौरान बिकरू गांव में 19 और आसपास गांवों में 23 शस्त्र लाइसेंस धारकों की सूची बनाई गई है।
कानपुर, चंद्रप्रकाश गुप्ता। सचेंडी में मुठभेड़ में मारे जाने से पहले एसटीएफ ने रास्ते भर विकास से पूछताछ की थी। उसने बताया था कि बिकरू में मौजूद सभी लाइसेंसी हथियारों का वह इस्तेमाल करता था। सभी के लाइसेंस उसी ने बनवाए थे और मेस्टन रोड की तीन दुकानों से हथियार भी खरीदे थे। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बिकरू गांव में करीब 19 लोगों के शस्त्र लाइसेंस हैैं, जबकि आसपास गांवों में 23 लाइसेंस सामने आए हैैं। इनमें कई लाइसेंसधारियों के शस्त्रों के पुलिस पर हमले में इस्तेमाल होने की आशंका है। लिहाजा सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए जा रहे हैैं। इसके लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
दिखावे के लिए असलहे लाइसेंसधारकों के घर पर रहते थे
दिखावे के लिए असलहे लाइसेंस धारकों के घरों पर रखे जाते थे। दो जुलाई को पुलिस की दबिश की जानकारी पर उसने अपने नौकर को भेजकर बिकरू व आसपास के गांवों में गुर्गों को सूचना कराई थी। तमाम लोग हथियार लेकर चले आए और जो नहीं आ सके, उन्होंने हथियार व कारतूस भेज दिए।
नौकर के नाम से बने लाइसेंसों पर तीन असलहे
विकास ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया था कि पुलिस पर हमले में नामजद गोपाल सैनी उसका नौकर है। उसके नाम से लाइसेंस बनवाकर तीन असलहे खरीदे थे। वह उसके साथ रायफल लेकर साये की तरह रहता था। दो जुलाई को पुलिस पर हुए हमले के दौरान उसके हथियारों से भी गोलियां चलाई गई थीं।
डर से कोई बाहर नहीं निकला
दो जुलाई की रात पुलिस टीम बिकरू गांव पहुंचने से पहले विकास ने करीब 30 गुर्गों को घर के आसपास स्थित मकानों की छत पर बैठा दिया था। वहां रहने वाले परिवारों को कह दिया कि ताक-झांक की तो गोली लग सकती है। डर के चलते कोई घर से बाहर नहीं निकला और न ही किसी ने पुलिस की मदद के लिए अपने घर का दरवाजा खोला।