Vikas Dubey News: फजीहत के बाद भी जय का घर छोड़ नहीं रहे थे तीन दारोगा, एसएसपी ने किया निलंबित
आइजी के निर्देश पर सीओ नजीराबाद ने छापा मारा था तो तीन दारोगा के रहने की पुष्टि हुई थी जांच रिपोर्ट मिलते के आधार पर कार्रवाई की गई है।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में अपराधी-पुलिस का गठजोड़ उजागर होने के बाद पुलिस विभाग अच्छी खासी किरकिरी हो चुकी है। इस फजीहत के बाद भी कुछ दारोगा मानने को तैयार नहीं थे और विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी के घर को ही अपना ठिकाना बना रखा था। आइजी मोहित अग्रवाल के निर्देश पर सीओ नजीराबाद ने जय बाजपेयी के घर पर छापा मारा तो तीन दारोगा रहते मिले। सीओ की रिपोर्ट मिलते ही एसएसपी ने तीनों दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया है।
आलीशान घर में मुफ्त में डेरा जमाए थे तीन दारोगा
बिकरू कांड के दौरान सामने आए विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी पर पुलिसिया कृपा पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। एएसपी केसी गोस्वामी की रिपोर्ट से लेकर पूर्व में हुई तमाम जांचों में सामने आया था कि जय बाजपेयी के घरों में पुलिस के दारोगा और सिपाही रहते हैं। बदले में जय बाजपेयी अपने जरायम के कार्यों में उनका उपयोग करता रहा है। इसी वजह से पुलिस की फजीहत हुई। बावजूद इसके जय बाजपेयी के आलीशान घर में मुफ्त में डेरा जमाए तीन दारोगा का जमीर नहीं जागा और अभी तक उसी घर में जमे हुए थे।
सीओ नजीराबाद ने छापा मारा
शिकायत के बाद आइजी मोहित अग्रवाल ने सीओ नजीराबाद गीतांजलि को जय बाजपेयी के ब्रह्मनगर स्थित मकान नंबर 111-481 में छापा मारने के निर्देश दिए। जांच के दौरान घर पर कर्नलगंज में तैनात उप निरीक्षक राजकुमार, अनवरगंज में तैनात उप निरीक्षक उस्मान और रायपुरवा में तैनात उप निरीक्षक खालिद रहते मिले। आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि जिस मकान में दारोगा रहते मिले वह केडीए से विवादित है। बिकरू कांड में जय बाजपेयी का कनेक्शन सामने आया है, ऐसे में भी पुलिसकर्मियों का उसके घर में रहना विभाग की छवि धूमिल कर रहा था। तीनों दारोगाओं को निलंबित करते खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
सील लगने के बावजूद खड़ी कर दी थी चार मंजिला इमारत
जय बाजपेयी के जिस मकान में तीनों दारोगा रह रहे थे, वह केडीए से विवादित है। इस मकान का नक्शा पास नहीं था और निर्माण होने पर केडीए ने सील करा दिया था, जिसका मुकदमा भी दर्ज हुआ था। सील तोड़कर जय ने पहुंच का फायदा उठाते हुए चार मंजिला इमारत खड़ी कर दी थी। केसी गोस्वामी रिपोर्ट में भी इस मुकदमे के विवेचक पर जय के प्रभाव में होने का उल्लेख किया गया था।