Bikru Case Update: सेवानिवृत्त कर्मियों को लेकर फंसा पेंच, 11 सीओ और 37 पुलिसकर्मियों पर चल रही जांच
बिकरू कांड में विकास दुबे से संबंध रखने में संदेह के दायरे में आए जिनकी जांच चल रही है उनमें 17 पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके हैं। अब पेच फंस गया कि कैसे और क्या हो कार्रवाई इसके लिए विधिक राय लेने की तैयारी की जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड की एसआइटी की जांच में फंसे 48 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। विवेचकों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। 17 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सवाल यह है कि इनके खिलाफ विभाग क्या कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में जांच अधिकारियों ने विधिक राय लेने का फैसला किया है।
बिकरू कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने 11 सीओ, 37 गैर राजपत्रित पुलिसकर्मियों को दोषी मान कार्रवाई तय की है। एक सीओ आइपीएस हो चुके हैं, जिनके खिलाफ जांच डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह कर रहे हैं। बाकी बचे दस सीओ के खिलाफ जांच एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार कर रहे हैं। इनमें से पांच रिटायर हो चुके हैं।
इसी तरह से एसपी पूर्वी शिवाजी के पास भी 15 पुलिसकर्मियों की जांच है। इसमें से एक की मृत्यु हो चुकी है, जबकि छह रिटायर हो चुके हैं। बाकी बचे 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभिन्न अधिकारी जांच कर रहे हैं, जिनमें से छह काफी समय पहले रिटायर हो चुके हैं।
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कार्रवाई के लिए जिस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है, उसमें नौकरी सेवा में रहने के दौरान ही सजा दी जा सकती है। रिटायर्ड कर्मी को क्या दंड दिया जाए, स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसीलिए विधिक राय लेने का फैसला किया गया है।
यह है समस्या
वृहद दंड, लघु दंड और विभागीय कार्रवाई में कर्मचारी को बर्खास्तगी, प्रमोशन पर रोक व आर्थिक दंड जैसे वेतनमान की वृद्धि रोकने व अन्य दंड दिए जा सकते हैं। मगर, रिटायर कर्मी इन सबके प्रभाव में नहीं आता। पेंशन को छोड़कर विभाग से जुड़े सभी आर्थिक मामले भी रिटायरमेंट के बाद समाप्त हो जाते हैं।