Vikas Dubey News: विकास दुबे गैंग पर पुलिस की मेहरबानी, डी-124 के 11 सदस्यों में सिर्फ एक को बनाया अभियुक्त
बिकरू कांड के बाद पुलिस अबतक हिस्ट्रीशीटर रहे विकास दुबे के पंजीकृत गैंग के प्रत्येक सदस्य का सत्यापन नहीं करा सकी है।
कानपुर, [गौरव दीक्षित]। बिकरू कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या मामले में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे समेत छह आरोपित मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, लेकिन 40 दिन बाद भी कई सवाल अब तक अबूझ पहेली हैं। सबसे बड़ा सवाल दुर्दांत के पंजीकृत डी-124 गैंग को लेकर है। योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिए गए हत्याकांड में 21 नामजद और 60-70 के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कराया गया है, लेकिन गैंग के सिर्फ एक सदस्य को ही आरोपित बनाया गया है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, तत्कालीन एसएसपी अखिलेश कुमार के आदेश पर 30 जून 2018 को विकास का गैंग डी-124 के रूप में पंजीकृत हुआ था। सरगना विकास के साथ इस गैंग में 11 अन्य सदस्य हैं। गैंग में सबसे खास सदस्य भीटी ग्राम प्रधान निवासी सुज्जा निवादा विष्णुपाल सिंह उर्फ जिलेदार है। उसे छोड़कर अब तक किसी दूसरे सदस्य को पुलिस कर्मियों के हत्याकांड में आरोपित नहीं किया गया है।
एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बिकरू कांड की जांच हो रही है। आरोपितों के नाम प्रकाश में आने पर जोड़कर कार्रवाई हो रही है। विकास के गैंग में शामिल सभी सदस्यों का सत्यापन भी कराया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
ये उठ रहे सवाल
- क्या गैंग सदस्यों की पहचान करते समय सिर्फ खानापूरी हुई?
- बिकरू व आसपास गांवों के सदस्य योजनाबद्ध हत्याकांड में क्यों नहीं पहुंचे?
- एक दिन पहले बनी योजना में सब नए गुर्गे ही क्यों शामिल हुए?
- गैंग पंजीयन में स्थानीय पुलिस ने क्या कोई लापरवाही की थी?
विकास दुबे गैंग के सदस्य
- विष्णुपाल सिंह उर्फ जिलेदार निवासी सुज्जा निवादा।
- राम नरेश नागर, रणवीर सिंह उर्फ बउवन, नाहर सिंह उर्फ धर्मेंद्र व मनोज निवासी तकीपुर।
- चंद्रजीत, इंद्रजीत, सत्यम उर्फ लुट्टन व अजीत कुमार निवासी काशीराम निवादा।
- संतोष कुमार निवासी रिक्खीपुरवा।
- लालाराम निवासी दिलीप निवादा।