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Vikas Dubey News: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित आयोग ने शुरू की जांच, बिकरू पहुंचे सदस्य

Vikas Dubey Kanpur News सुप्रीम कोर्ट ने आयोग गठन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित आयोग के सदस्यों के नामों को मंजूरी दी थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 03:46 PM (IST)
Vikas Dubey News: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित आयोग ने शुरू की जांच, बिकरू पहुंचे सदस्य
Vikas Dubey News: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित आयोग ने शुरू की जांच, बिकरू पहुंचे सदस्य

कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर के बिकरू कांड में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित आयोग ने जांच की शुरुआत कर दी है। मंगलवार को कानपुर आए आयोग के सदस्यों ने सबसे पहले पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से प्रारंभिक पूछताछ की और फिर बिकरू गांव पहुंचकर पड़ताल शुरू की है। आठ पुलिस वालों की हत्या और दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिदायत दी थी कि इस बात का ध्यान रखे कि ऐसी घटना फिर न हो।

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जांच आयोग में नामित सदस्य

बिकरू गांव में आठ पुलिस वालों की हत्या और दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित आयोग के सदस्यों के नामों को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाला तीन सदस्यीय आयोग दो महीने में जांच पूरी करके सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। जांच आयोग में जस्टिस चौहान के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता सदस्य हैं। आयोग को सचिवालय स्टाफ केंद्र सरकार ने मुहैया कराया है।

सुबह सर्किट हाउस पहुंचे आयोग के सदस्य

मंगलवार को जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में आयोग के सदस्य कानपुर के सर्किट हाउस पहुंच गए। यहां पर आयोग ने आईजी मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी और एसएससी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से घटना के बाबत प्रारंभिक जानकारी हासिल की। इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घटनास्थल बिकरू गांव पहुंच गए। यहां पर पहले से ही क्राइम सीन तैयार किया गया था, घटना वाली रात की तरह ही रास्ते में जेसीबी भी खड़ी करा दी गई थी। आयोग अब गांव में आठ पुलिस वालों की हत्या वाले स्थान और विकास दुबे का गिराये गए घर और आसपास के घरों में भी जांच की।आयोग ने करीब एक घंटा गांव में रुककर क्राइम स्पॉट को बारीकी से देखा और जिस घर में सीओ देवेंद्र मिश्रा की हत्या की गई थी, उसका भी मुआयना किया। आयोग ने एनकाउंटर में मारे गए प्रेमशंकर की बहू से भी घटना को लेकर बयान दर्ज किए। यह भी पूछा कि सबसे ज्यादा गोलियां किधर से चल रही थीं और सीओ की हत्या में कौन-कौन लोग शामिल थे। आयोग के सदस्यों ने गांव वालों से भी बारी-बारी पूछताछ की। 


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