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Bikru Case: क्या है छत पर मिलीं चाबियों का राज, बैलेस्टिक रिपोर्ट में काशीराम निवादा एनकाउंटर पर मुहर

बिकरू कांड के दूसरे दिन विकास दुके के गुर्गे अतुल दुबे व प्रेम कुमार पांडेय को काशीराम निवादा में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था घटना के बाद बरामद खोखे और हथियारों की बैलेस्टिक जांच की रिपोर्ट ने पुलिस की कहानी पर ठप्पा लगा दिया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 08:23 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 08:23 AM (IST)
Bikru Case:  क्या है छत पर मिलीं चाबियों का राज, बैलेस्टिक रिपोर्ट में काशीराम निवादा एनकाउंटर पर मुहर
बिकरू कांड के मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के दूसरे दिन पड़ोस के गांव काशीराम निवादा में मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे और प्रेम कुमार पांडेय के एनकाउंटर पर मुहर लग गई है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ से आई बैलेस्टिक रिपोर्ट ने भी पुलिस की कहानी पर ठप्पा लगा दिया है। बरामद खोखे और हथियारों के मिलान में साबित हो गया है कि मौके पर मिले खोखे बरामद हथियारों से ही चलाए गए थे। वहीं विकास के घर की छत पर चाबियों का गुच्छा मिला था और पॉलीथिन में दो चाबियां अलग रखी मिली थीं।

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दो जुलाई की रात बिकरू कांड के करीब आठ घंटे बाद पुलिस ने पड़ोस के गांव काशीराम निवादा में विकास दुबे के चचेरे भाई अतुल दुबे और मामा प्रेम कुमार पांडेय को मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने मौके से अभियुक्तों के पास से एक रायफल और एक पुलिस की लूटी गई पिस्टल बरामद की थी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से आई बैलेस्टिक रिपोर्ट में इसे सही ठहराया गया है।

इसका अध्ययन कर लिया गया है। अब इसे अदालत में पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बैलेस्टिक रिपोर्ट से साफ हो गया है कि मौके से मिले हथियारों से ही गोली चली थी। इस रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस के एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर विराम लगेगा। गौरतलब है कि बिकरू कांड से जुड़े हथियारों की बैलेस्टिक रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।

सामने नहीं आया चाबियों का राज

बिकरू में विकास दुबे के घर की छत और घटनास्थल से तलाशी के दौरान फॉरेंसिक टीम ने लगभग 38 वस्तुएं बरामद की थीं। इनमें बदमाशों द्वारा चलाई गई गोलियों के खोखे, जिंदा कारतूस के साथ ही पुलिसकर्मियों की वर्दी से जुड़े सामान थे। इनमें विकास दुबे की छत पर चाबियों का गुच्छा भी मिला था। दो चाबियां तो एक पॉलीबैग में रखी मिली थीं। फॉरेंसिक विभाग की सूची में इनका जिक्र है, लेकिन चार्जशीट में नहीं है। इसकी जांच ही नहीं की गई कि इन चाबियों का क्या रोल था और इन्हें छत पर क्यों रखा गया था।


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