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Vikas Dubey Kanpur News: बिकरू कांड में एक और गुत्थी सुलझी, अनाम सीओ की हो गई पहचान

एसआइटी की जांच में आरोपित सीओ की पहचान हो गई है। उनका नाम बृज सिंह नहीं ब्रजन सिंह है उम्र का हवाला देकर उन्होंने समय मांगा और प्रकरण में अब अगले सप्ताह तक उनके बयान दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 08:52 AM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 08:52 AM (IST)
Vikas Dubey Kanpur News: बिकरू कांड में एक और गुत्थी सुलझी, अनाम सीओ की हो गई पहचान
बिकरू कांड के जांच अधिकारी की पूर्व सीओ से हुई बात।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड की एसआइटी जांच में आरोपित बनाए गए अनाम सीओ की पहचान हो गई है। बृज सिंह नहीं बल्कि उनका नाम बृजन सिंह है और जांच अधिकारी की उनसे बात भी हो गई है। उम्र का हवाला देकर उन्होंने बयान देने आने के लिए कुछ समय मांगा है।

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वरिष्ठ आइएस संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने पिछले साल शासन को सौंपी गई रिपोर्ट में विकास दुबे के खिलाफ दर्ज पहले मुकदमे से लेकर दो जुलाई 2020 तक दर्ज मुकदमों के दौरान तैनात पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच की थी। जांच रिपोर्ट में एसआइटी ने 11 सीओ और 37 गैर राजपत्रित पुलिस कर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। सीओ स्तर के अधिकारियों की जांच एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार रहे हैं, जिसमें से एक सुभाष चंद्र शाक्य प्रोन्नत होकर आइपीएस हो चुके हैं, इनके खिलाफ जांच अब डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह कर रहे हैं।

एसआइटी ने जो जांच रिपोर्ट दी थी, उसमें नौ के नाम थे, जबकि दो सीओ के नाम के स्थान पर उनकी तैनाती अवधि का जिक्र किया गया है। 24 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ बिल्हौर और 12 जुलाई 1997 को नियुक्त तत्कालीन सीओ रसूलाबाद का नाम पता नहीं चल पाया था। बाद में दावा किया गया कि दोनों एक ही थे। जांच कराई गई तो 24 साल पुराने एक दस्तावेज में किए हस्ताक्षर से उनका नाम बृज सिंह बताया गया। मगर जब पुलिस मुख्यालय से रिकार्ड मांगा गया तो ऐसे किसी नाम के सीओ के होने से ही इंकार कर दिया।

एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि लंबी चली जांच के बाद सामने आया है कि उक्त सीओ का नाम बृज सिंह नहीं बल्कि बृजन सह था। पुलिस मुख्यायल ने भी इस नाम की पुष्टि कर दी है। बृजन सिंह परिवार के साथ मेरठ में रहते हैं और वर्ष 1999 में गाजियाबाद से सेवानिवृत्त हुए थे। एसपी के मुताबिक रविवार को उनका फोन आया था। उन्हें सोमवार को बयान देने के लिए बुलाया गया था। बढ़ती उम्र का हवाला देकर उन्होंने बताया कि अभी रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा है। आने के लिए पंद्रह दिन का समय मांगा है।

इन सीओ पर भी जांच की आंच

  • नंदलाल, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • करुणाकर राय, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • सुंदर लाल, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • प्रेमप्रकाश, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • राम प्रकाश अरुण, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • सुभाष चंद्र शाक्य, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • लक्ष्मी निवास, तत्कालीन सीओ बिल्हौर
  • अमित कुमार, तत्कालीन सीओ कार्यालय, पासपोर्ट

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