Bikru Case: विकास और जय से जुड़े शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट की जांच शुरू, गलत तथ्य सामने आने पर होगा मुकदमा
एसआइटी की संस्तुति के बाद कानपुर पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट के दस्तावेजों की जांच की कार्यवाही शुरू की है। एसएसपी का कहना है कि यदि जांच शपथ पत्र गलत निकलते हैं तो मुकदमा किया जाएगा ।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे और उसके खजांची जय बाजपेयी से जुड़े लोगों के शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट की जांच शुरू हो गई है। एसआइटी की संस्तुति के आधार पर बुधवार को एसएसपी ने जांच कर सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।
एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि एसआइटी की जांच में विकास दुबे और उसके गुर्गों के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस में गलत शपथ पत्र लगाने और तथ्यों को छिपाने की बात कही गई है। इसी तरह से मुकदमा दर्ज होने के बाद भी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी के पासपोर्ट बनवा लेने का मामला भी सामने आया है।
इस तरह के करीब तीन दर्जन से अधिक मामले एसआइटी के संज्ञान में आए हैं। यह मामले मुख्य रूप से चौबेपुर, बजरिया और नजीराबाद थानों से जुड़े हैं। तीनों थानों के प्रभारी निरीक्षकों को आदेश दिया गया है कि सभी मामलों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दें। जिन-जिन मामलों में फर्जी दस्तावेज व गलत तथ्य प्रकाश में आएंगे, उनमें मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी।
दो दर्जन शस्त्र लाइसेंस हो चुके हैं रद
बिकरू में दो जुलाई की रात घटना के बाद से शुरू हुई जांच में अब तक जिला प्रशासन दो दर्जन शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर चुका है, जबकि एक दर्जन से अधिक जांच की प्रक्रिया में हैं। हालांकि, इन लाइसेंस को विकास दुबे की नजदीकियों की वजह से निरस्त किया गया। अब यह जांच होगी कि इनमें से कितने गलत तथ्यों को पेश कर बनवाए गए। सूत्रों के मुताबिक, विकास दुबे ने सबसे अधिक शस्त्र लाइसेंस बसपा शासन काल में बनवाए थे।