Bikru Case: विकास और उसके गुर्गों पर दर्ज होगा एक और मुकदमा, जांच में सामने आया ये अपराध
बिकरू कांड में मुख्य आरोपित दुर्दांत विकास दुबे और उसके करीबी साथियों ने ने झूठे शपथपत्र देकर शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे यह तथ्य सामने आने के बाद एसआइटी अध्यक्ष ने सीबीसीआइडी से जांच के लिए आदेश जारी किया है।
कानपुर, जेएनएन। पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके शातिर अपराधी विकास दुबे और उसके करीबियों ने झूठे शपथपत्र देकर 14 शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे। यह सच एसआइटी की जांच में सामने आया है। एसआइटी अध्यक्ष व वरिष्ठ आइएएस संजय भूसरेड्डी ने मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच सीबीसीआइडी से कराने को कहा है।
दो जुलाई 2020 को बिकरू में सीओ बिल्हौर समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद हुई मुठभेड़ में विकास दुबे और उसके पांच अन्य सहयोगी मारे गए थे। इसके बाद शासन ने जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। जांच के दौरान पता चला कि विकास, उसके परिवार के सदस्यों व सहयोगियों ने असलहा लाइसेंस बनवाने के लिए शपथपत्र में अपराध व अन्य जानकारियों को छिपाकर पुलिस और प्रशासन की आंख में धूल झोंकने में कामयाब हुए। पता चला कि विकास दुबे को 2008 में असलहा लाइसेंस गलत तथ्यों के आधार पर जारी हुआ था।
इसके साथ ही रामकुमार कुमार दुबे, विकास के भाई की पत्नी अंजली दुबे, खजांची के रूप में चर्चित और जेल में बंद जयकांत बाजपेयी, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार, अमित उर्फ छोटे बउवा, दीपक, विकास के सहयोगी दिनेश कुमार ने भी ऐसा ही कर लाइसेंस बनवाए थे।
पुलिस भी सभी पर दर्ज मामलों को पता नहीं कर सकी और लाइसेंस के लिए संस्तुति कर दी। इसी तरह रवींद्र, अखिलेश, अरविंद, आशुतोष व अरविंद उर्फ गुड्डन की पत्नी कंचन के शपथ पत्र को भी गलत तथ्यों पर आधारित पाया गया। अब इसकी जांच सीबीसीआइडी को दी जाएगी। इन मामलों में संबंधित थानों में मुकदमे भी दर्ज कराए जाएंगे। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि एसआइटी से पत्र आया था। उसे परीक्षण के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को दिया गया है।
जय ने पासपोर्ट बनवाने में किया फर्जीवाड़ा
एसआइटी की जांच में पता चला है कि जयकांत वाजपेयी ने पासपोर्ट बनवाने में भी फर्जीवाड़ा किया। उसने 2012 व 2016 में गलत तथ्यों पर आधारित शपथपत्र दिया। अपराधिक मामले छिपाए और मतदाता पहचान पत्र भी कूटरचित तरीके से प्राप्त किया।
लिपिक के खिलाफ भी होगी जांच
शस्त्र अनुभाग में तैनात एक लिपिक के विरुद्ध भी सीबीसीआइडी जांच करेगी। इसके साथ ही विभागीय जांच कर कार्रवाई होगी।