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Bikru Case: एसआइटी की रिपोर्ट में दोषी करार पूर्व एसएसपी के खिलाफ है आरोपों की लंबी फेहरिस्त

एएसपी केसी गोस्वामी की रिपोर्ट से लेकर जय बाजपेयी के साथ संबंधों को लेकर विवादित रहे हैं बिकरू कांड में शहीद सीओ के वायरल ऑडियो और पत्र में तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी को जरूरत से ज्यादा छूट देने की बात सामने अाई थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:46 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 06:46 AM (IST)
Bikru Case: एसआइटी की रिपोर्ट में दोषी करार पूर्व एसएसपी के खिलाफ है आरोपों की लंबी फेहरिस्त
बिकरू कांड में एनकाउंटर में मारा गया दुर्दांत विकास दुबे।

कानपुर, जेएनएन। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की रिपोर्ट में दोषी करार दिए गए पूर्व एसएसपी अनंत देव पर आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। बिकरू कांड के आरोपितों के साथ करीबी उनके लिए भारी पड़ी। अब देखना है कि शासन उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। दो जुलाई को बिकरू कांड से ठीक 15 दिन पहले ही तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव का तबादला डीआइजी एसटीएफ के लिए हुआ था। उनके स्थान पर दिनेश कुमार पी को कानपुर का एसएसपी बनाया गया था।

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बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी कर्मियों की हत्या के बाद चार जुलाई को विजय नगर चौराहे पर जय बाजपेयी की तीन कारें खड़ी मिली थीं। बताया गया कि जय ने इन कारों की मदद से विकास दुबे को वारदात के बाद शहर से सुरक्षित निकाला था। हालांकि, इसका कोई साक्ष्य पुलिस जुटा नहीं सकी। यह बात जरूर सामने आई कि जय और विकास के बीच गहरे संबंध थे।

इंटरनेट मीडिया पर सबसे पहले जय और अनंतदेव के फोटोग्राफ वायरल हुए, जो उनकी नजदीकी के सुबूत थे। इसका लाभ विकास दुबे भी उठाता था। दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्र के रिश्तेदार कमलकांत दुबे ने एक पत्र और एक ऑडियो वायरल कर दावा किया था कि अनंतदेव ने चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी को जरूरत से ज्यादा छूट दे रखी थी। विनय तिवारी के खिलाफ देवेंद्र मिश्र ने एक पत्र एसएसपी अनंत देव को लिखा था, जिसका उन्होंने संज्ञान लिया होता तो इतनी बड़ी वारदात को टाला जा सकता था।

मामले ने इतना तूल पकड़ा कि पुलिस मुख्यालय को लखनऊ की आइजी लक्ष्मी सिंह से जांच करानी पड़ी, जिन्होंने माना कि पत्र लिखा गया था, मगर यह एसएसपी तक पहुंचा या नहीं, इसका कोई सुबूत नहीं मिला। अनंतदेव पर आरोप लगे कि जय के लिए उन्होंने सभी नियम-कायदे ताक पर रख दिए। विकास दुबे भी अनंत देव से अपने मनमाफिक काम करवा लेता था।

यह प्रकरण चल ही रहा था कि कन्नौज के तत्कालीन एएसपी केसी गोस्वामी की रिपोर्ट सामने आ गई। 2017 की इस रिपोर्ट का एसएसपी अनंत देव ने संज्ञान लिया था, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की। दो पुलिस कॢमयों को मिसकंडक्ट देकर पूरी रिपोर्ट को दबा दिया गया था। अनंतदेव पर जय के साथ मिलीभगत के आरोप लगने लगे। इसके बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के कई ऐसे ऑडियो सामने आए, जिसमें वह थानाध्यक्ष विनय तिवारी को खुली छूट देने के लिए अनंतदेव की बुराई करते सुनाई पड़े। हालांकि, इन ऑडियो की सत्यता की दैनिक जागरण पुष्टि नहीं करता है। देवेंद्र मिश्र ने अनंत देव पर पैसों के लेनदेन का भी आरोप लगाया। एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद यह तय हो गया है कि पूर्व एसएसपी अनंत देव अब बुरी तरीके से फंस गए हैं।


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