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Bikru Case Update: कानपुर एसटीएफ पर भारी पड़ी बसपा नेता की पहुंच, मेल नहीं खा रही गुडवर्क की कहानी

कानपुर एसटीएफ की जांच से एमपी पुलिस का पर्दाफाश अलग है। प्रकरण को लेकर आइजी ने जांच कराने की बात कही है। एमपी की भिंड पुलिस की मदद से सेमी ऑटोमेटिक रायफल व दोनाली बंदूक बरामद कराने के पीछे भी रहस्य है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 10:51 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 10:51 AM (IST)
Bikru Case Update: कानपुर एसटीएफ पर भारी पड़ी बसपा नेता की पहुंच, मेल नहीं खा रही गुडवर्क की कहानी
कानपुर के आइजी मध्य प्रदेश पुलिस अफसरों से बात करेंगे।

कानपुर, जेएनएन। गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीपू दुबे की लाइसेंसी सेमी ऑटोमेटिक रायफल व दोनाली बंदूक की बरामदगी पर सवाल खड़े हो गए हैं। कानपुर एसटीएफ की जांच और भिंड पुलिस का गुडवर्क एक दूसरे की कहानी से मेल नहीं खा रहा। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बसपा नेता की पहुंच कानपुर की एसटीएफ पर भारी पड़ी है। आइजी मोहित अग्रवाल ने इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं। मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की जाएगी।

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विकास दुबे के गायब हथियारों को लेकर एसटीएफ की कानपुर टीम ने पिछले दिनों एक बड़ा राजफाश करते हुए सात आरोपितों को गिरफ्तार कर सेमी ऑटोमेटिक रायफल, एक कार्बाइन बरामद की थी। जो सेमी ऑटोमेटिक बरामद हुई थी, वह विकास के भांजे शिव तिवारी की थी। आरोपितों में शामिल रामजी उर्फ राधे ने पुलिस को बताया था कि जनवरी 2021 में संजय परिहार उर्फ टिंकू व अमन शुक्ला ने दीपू दुबे की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंग फील्ड राइफल और एक डीबीबीएल बंदूक इटावा-भिंड रोड पर स्थित दावत रेस्टोरेंट व पेट्रोल पंप के मालिक और बसपा नेता सत्यवीर ङ्क्षसह यादव उर्फ चतुरी यादव के रिश्तेदार मनीष यादव और सुशील निवासी ग्राम डिंडी कला को बेच दी थी।

एसटीएफ दीपू दुबे की रायफल तलाश रही रही थी, मगर शनिवार को अचानक भिंड पुलिस ने मेहगांव के देवरी गांव निवासी अभिषेक (विरथरिया) से रायफल व ङ्क्षभड के शास्त्री नगर बी-ब्लॉक निवासी जग्गू उर्फ आकाश कुशवाह से दोनाली बंदूक बरामद कर इस कहानी को समाप्त कर दिया। मगर, ङ्क्षभड पुलिस का यह पर्दाफाश एसटीएफ कानपुर के राजफाश से बिल्कुल अलग है। बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस की मदद से बसपा नेता चतुरी यादव ने अपने रिश्तेदारों को बचा लिया।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक जब मनीष से पूछताछ की गई तो उसने यह बताया कि रायफल और बंदूक मंगल सिंह व बंटी यादव को बेची है। दोनों बसपा नेता के परिवारिक सदस्य हैं। माना जा रहा है कि इन्हें बचाने के लिए लिए दो नए लोगों को सामने लाया गया। एसटीएफ को यह खुलासा इसलिए हजम नहीं हो रहा, क्योंकि सर्विलास साक्ष्य इसकी पुष्टि नहीं कर रहे। मनीष की कभी भी गिरफ्तार आरोपितों अभिषेक व जग्गू से मोबाइल पर बात नहीं हुई। वहीं सीडीआर के मुताबिक मनीष व संजय परिहार ने कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंगल ङ्क्षसह व बंटी यादव से बात की थी।


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