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Vikas Dubey News: विकास के दाहिने हाथ रहे जिलेदार की बिकरू कांड में थी मुख्य भूमिका

जिलेदार पर 13 मुकदमे दर्ज हैं और विकास दुबे की दम पर भीठी गांव में प्रधान के चुनाव में जीत हासिल करता रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 12:20 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 12:20 PM (IST)
Vikas Dubey News: विकास के दाहिने हाथ रहे जिलेदार की बिकरू कांड में थी मुख्य भूमिका
Vikas Dubey News: विकास के दाहिने हाथ रहे जिलेदार की बिकरू कांड में थी मुख्य भूमिका

कानपुर, जेएनएन। बिकरू में दो जुलाई को सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में नामजद 50 हजार रुपये के इनामी विष्णुपाल सिंह उर्फ जिलेदार का दबदबा भी क्षेत्र में विकास दुबे से कम नहीं रहा। वह बिकरू की पड़ोसी ग्राम पंचायत भीठी का दो बार से निर्विरोध प्रधान है और विकास की दम पर ही जीत हासिल करता रहा है।

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बिकरू कांड में नामजद और मोस्ट वांटेड सूची में शामिल विष्णुपाल उर्फ जिलेदार ने बुधवार को माती न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। जिलेदार सिंह को विकास का दाहिना हाथ माना जाता है। विकास के 12 सदस्यीय गिरोह में पुलिस ने अकेले जिलेदार को ही आरोपित बनाया है, उसकी गिरोह में हैसियत नंबर दो की है। जिलेदार के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट व लूटपाट सहित 13 मुकदमे दर्ज हैं।

विकास के साथ राशन इंस्पेक्टर से मारपीट और कल्याणपुर में पूर्व जिला पंचायत सदस्य रीता दुबे के पति अनुराग दुबे पर जानलेवा हमला करने के मामले में जिलेदार सिंह भी विकास दुबे का साथ रहा था। एक समय जिलेदार सिंह व मदारीपुर के शिव सिंह की जोड़ी विकास दुबे के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहती थी। इस जोड़ी से लोग दहशत में रहते थे। शिव सिंह की चार वर्ष पहले मार्ग दुर्घटना में मौत हो चुकी है। दो जुलाई की रात बिकरू में जो कुछ हुआ, उसके पीछे का मास्टर माइंड जिलेदार ही था। वह खुद पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल भी रहा।

विकास के घर से बरामद हुई थी उसकी बाइक

दो जुलाई की रात हुई घटना के बाद विकास के घर के अंदर दो चार पहिया, चार दोपहिया वाहनों के साथ दो ट्रैक्टर पुलिस को खड़े मिले थे। जांच में पता चला था कि इनमें से एक पल्सर बाइक जिलेदार ङ्क्षसह के नाम है। इसके बाद से ही एसटीएफ व पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

कैसे मिल गया रिवाल्वर का लाइसेंस?

जिलेदार के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हैं। इसके बाद भी उसे रिवाल्वर का लाइसेंस मिलना बड़ा सवाल है। अब यह जांच का विषय है। सितंबर 2017 में आपूर्ति निरीक्षक प्रशांत सिंह से मारपीट की घटना के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवराजपुर जसवंत सिंह ने जिलेदार को रिवाल्वर समेत गिरफ्तार कर उसके लाइसेंस को रद करने की संस्तुति की थी। डीएम ने उसे निरस्त भी कर दिया था, लेकिन मंडलायुक्त के यहां अपील में उसका लाइसेंस बहाल हो गया था। अब एसआइटी इस बात की जांच कर रही है कि जिलेदार का लाइसेंस किसकी संस्तुति पर बनाया गया और किन परिस्थितियों में बहाल हुआ।

शिवम ने भड़काया था विकास को

बिकरू कांड में बाल गोविंद के बेटे शिवम दुबे का भी बड़ा हाथ है। उसके बहनोई के साथ राहुल तिवारी के झगड़े में उसने ही विकास दुबे का भड़काया था। विकास को करोड़ों की जमीन बताकर उसमें हिस्सेदारी का लालच दिया था।


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