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आईजी लखनऊ रेंज ने बिल्हौर सीओ कार्यालय में स्टॉफ से की पूछताछ, कंप्यूटर की होगी फोरेंसिक जांच

शहीद सीओ द्वारा एसएसपी को लिखे पत्र के वायरल होने के बाद आइजी लखनऊ ने बिल्हौर सीओ कार्यालय आकर दस्तावेजों की जांच भी की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 11:39 PM (IST)
आईजी लखनऊ रेंज ने बिल्हौर सीओ कार्यालय में स्टॉफ से की पूछताछ, कंप्यूटर की होगी फोरेंसिक जांच
आईजी लखनऊ रेंज ने बिल्हौर सीओ कार्यालय में स्टॉफ से की पूछताछ, कंप्यूटर की होगी फोरेंसिक जांच

कानपुर, जेएनएन। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र की शासन स्तर से जांच शुरू हो गई है। मंगलवार सुबह आइजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह बिल्हौर स्थित सीओ कार्यालय पहुंचीं। करीब चार घंटे तक बंद कमरे में उन्होंने दस्तावेजों का निरीक्षण करने के साथ ही पुलिस कर्मियों से पूछताछ की। फोरेंसिक टीम ने सीओ का कंप्यूटर सील कर दिया है। कंप्यूटर विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ में कंप्यूटर की हार्डडिस्क की जांच से पता चलेगा कि पत्र इस कंप्यूटर से टाइप हुआ या नहीं।

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मुठभेड़ में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा द्वारा तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को पत्र लिखकर कुख्यात अपराधी के बारे में जानकारी दी गई थी। इस तरह का पत्र सोमवार को सोशल मीडिया में वारयल हुआ था। इसके बाद कानपुर से लेकर लखनऊ तक सनसनी मच गई। इस पत्र में अंतर्जनपदीय दबंग विकास दुबे के खिलाफ थाना चौबेपुर में अपराध संख्या 65 में धारा 386/147/148/323/504/506 के तहत मुकदमा पंजीकृत होने समेत कानपुर व अन्य जिलों में 150 से अधिक मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी गई थी।

साथ बताया गया था कि विकास के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत किसी में नहीं है, क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी है कि ऐसे अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही थानाध्यक्ष विनय तिवारी की करतूतो को भी बताया गया था। इसके बाद प्रकरण में जांच का आदेश दिए गए थे।

पत्र चर्चा में आने के बाद सोमवार देर शाम सीओ कार्यालय सील कर दिया गया था। मंगलवार की सुबह करीब 10:30 बजे आईं आइजी ने सबसे पहले सीलबंद कार्यालय खुलवाया। इसके बाद तैनात पूरे स्टाफ को तलब किया। स्टाफ के आने के बाद कार्यालय में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बंद कमरे में उन्होंने सभी से पूछताछ की। उन्होंने कंप्यूटर और दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया। दोपहर करीब 12 बजे फोरेंसिक टीम आई। पुलिस कर्मियों के बयान और दस्तावेजों का निरीक्षण करने के बाद दोपहर ढाई बजे आइजी लौट गईं। इस दौरान जब पत्रकारों ने जांच को लेकर सवाल किए तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।


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