Vikas Dubey News: किशोर न्याय बोर्ड में अमर दुबे की पत्नी की पेशी, बढ़ाई गईं आठ नई संगीन धाराएं
किशोर न्याय बोर्ड में पेशी के बाद विस्फोटक पदार्थ अधिनियम हत्यायुक्त डकैती समेत कई संगीन आरोप लगने के बाद अब कुल धाराएं बढ़कर 17 हो गई हैं। पिता की ओर से आपत्ति दाखिल करने पर बोर्ड ने तीन दिनों में जवाब मांगा है।
कानपुर, जेएनएन। किशोर न्याय बोर्ड माती में गुरुवार को अमर दुबे की पत्नी कड़ी सुरक्षा में पेश की गई। पुलिस ने उस पर आठ नई धाराएं लगाई हैं। अब कुल धाराएं बढ़कर 17 हो गई हैं, जिसमें पुलिस ने उसका रिमांड मांगा और बोर्ड ने स्वीकार कर लिया। नई धाराओं में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और हत्यायुक्त डकैती समेत कई संगीन आरोप हैं। पहले लगी डकैती की धारा को हटा दिया गया है।
आरोपित के पिता ने धाराओं पर आपत्ति प्रस्तुत की। किशोर न्याय बोर्ड को दिए प्रार्थना पत्र में उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिन धाराओं में रिमांड मांगा है, उनका कोई साक्ष्य नहीं है। बेटी को अमर दुबे की पत्नी लिखकर संबोधित करने पर भी आपत्ति जताई। कहा, यह किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन हैं। बोर्ड ने इस पर विवेचक को तीन दिनों में बिंदु़वार रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
बढ़ी धाराएं और सजा
332- लोक सेवक को भय में डालना ताकि कर्तव्य पालन न कर सके, सजा तीन साल तक व जुर्माना
333- लोक सेवक को भय में डालकर चोट पहुंचाना, सजा दस वर्ष तक व जुर्माना
353- लोक सेवक को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला, सजा दो वर्ष तक व जुर्माना
396- हत्यायुक्त डकैती, सजा आजीवन कारावास व जुर्माना
504- गाली गलौज, सजा दो वर्ष तक व जुर्माना
506- जान से मारने की धमकी, सजा दो वर्ष तक जुर्माना
34- सामान्य आशय, घटना में सबसे बड़े अपराध की सजा के बराबर सजा का प्रावधान
3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम -
3- ऐसा कोई विस्फोटक जिससे जीवन को खतरा हो, सजा उम्रकैद तक व जुर्माना
4- विस्फोटक अपने पास रखना ताकि दूसरे के जीवन को खतरा उत्पन्न हो, सजा दस साल तक व जुर्माना
पहले इन धाराओं में लिया था रिमांड
147- बलवा
148- घातक हथियार से हमला
149 - विधि विरुद्ध जमाव
302 - हत्या
307- हत्या का प्रयास
395- डकैती
120बी- षडयंत्र
412- डकैती में मिली संपत्ति को पास रखना
7 सीएलए
- -किशोर न्याय बोर्ड में हत्यायुक्त डकैती समेत अन्य धाराओं पर आपत्ति जताई थी। इस पर बोर्ड ने बिंदुवार रिपोर्ट देने के आदेश विवेचक को दिए हैं। आरोपित की मनोवैज्ञानिक जांच के आदेश बोर्ड ने कर दिए हैं। -शिवाकांत दीक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता