Vikas Dubey Encounter News: जहां के थे शहीद, वहीं एसटीएफ ने ठोके दहशतगर्द
बुंदेलखंड के हमीरपुर में गैंग के अमर दुबे को मारकर सीओ का बदला लिया और इटावा में बउवा के मरने से औरैया मथुरा व आगरा के शहीदों के स्वजन को शांति मिली।
कानपुर [शिवा अवस्थी]। कानपुर के बिकरू गांव में जिस नक्सली अंदाज में घेरकर दुर्दांत विकास और उसके गुर्गों ने आठ पुलिसकर्मियों को शहीद किया, ठीक वैसे ही पुलिस ने एक-एक कर दहशतगर्दों को भी उनके गृह क्षेत्र से जुड़े इलाकों में दौड़ाकर ठोंका। इससे बलिदानी पुलिसकर्मियों के स्वजन का दर्द कम हुआ जबकि आसपास के लाखों लोगों में दुर्दांत की दहशत खत्म हुई। जरायम की दुनिया में कदम रखने की सोच वालों को भी बड़ा सबक मिला।
दो जुलाई को घटना से प्रदेश में दहशत का माहौल बना था। पुलिस ने तीन जुलाई की सुबह दुर्दांत के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय व चचेरे भाई अतुल दुबे को मारकर बदला लेने की शुरुआत की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बांदा निवासी सीओ के पैर पर कुल्हाड़ी से वार करने, झांसी के सिपाही और प्रयागराज के एसआइ पर हमले का कबूलनामा 50 हजार रुपये के इनामी अमर दुबे ने किया था।
घटना से बुंदेलखंड व आसपास जिलों में किरकिरी हुई थी, इसीलिए हमीरपुर में शातिर अमर का सुराग मिलने पर पुलिस व एसटीएफ ने मौदहा में उसे मार गिराया। प्रवीण उर्फ बउवा को इटावा के पास ढेर किया। यह भी संयोग ही है कि ठीक पड़ोसी जिला औरैया में बलिदानी सिपाही राहुल दिवाकर का पैतृक गांव है। यहां से आगरा, मथुरा व गाजियाबाद का भी सीधा जुड़ाव बना, जहां के सिपाही दुर्दांत के दुस्साहस में शहीद हुए थे।
शुक्रवार को शहादत, उसी दिन ढेर हुआ दुर्दांत
दो जुलाई की आधी रात के बाद मुठभेड़ के दौरान दुर्दांत विकास दुबे ने जब पुलिसकर्मियों को शहीद किया था तब शुक्रवार की भोर थी। अजब संयोग है कि दस जुलाई की सुबह जब दहशतगर्द ढेर हुआ तब भी शुक्रवार का ही दिन था।
-अपराधियों की जहां जगह थी, वहां पहुंचाया गया। उनके मरने के स्थान महज संयोग हैं। फरार अपराधियों पर शिकंजा कसा है। -दिनेश कुमार पी, एसएसपी कानपुर।
ये पुलिसकर्मी हुए थे शहीद
- क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्र : महेवा, गिरवां बांदा।
- एसआइ महेश चंद्र यादव : ग्राम वनपुरवा, सरेनी रायबरेली।
- एसआइ अनूप कुमार सिंह : बेलखरी उसरहा मांधाता प्रतापगढ़।
- एसआइ नेबू लाल : मीती नउआन हंडिया प्रयागराज।
- आरक्षी जितेंद्र पाल : बरारी, रिफाइनरी मथुरा।
- आरक्षी सुल्तान सिंह : मऊरानीपुर दलील चौक झांसी।
- आरक्षी बबलू कुमार : पोखर पांडेय नगला लोहिया मलोखरा फतेहाबाद आगरा।
- आरक्षी राहुल कुमार : सी-205, देवेंद्र पुरी, मोदी नगर गाजियाबाद।