Move to Jagran APP

बिकरू कांड : आठ माह बाद रिहा हुई सात वर्षीय बच्ची, मां और तीन साल की बहन अब भी जेल में बंद

बिकरू कांड में पुलिस ने अबतक 43 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। सभी के मामलों की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपित की एक बेटी को मौसी के सुपुर्द किया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 12:50 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:45 PM (IST)
बिकरू कांड : आठ माह बाद रिहा हुई सात वर्षीय बच्ची, मां और तीन साल की बहन अब भी जेल में बंद
पुलिस ने विकास दुबे के घर पर नौकरानी को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा था।

कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरू कांड के बाद विकास दुबे समेत सात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, वहीं अबतक 43 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इन्हीं लोगों के साथ जेल गई एक निर्दोष को आखिर आठ माह बाद रिहाई दी गई। कोर्ट के आदेश पर उसे मौसी के सुपुर्द कर दिया गया है। वह भी बीते आठ माह से आरोपितों के साथ ही जेल में दिन बिता रही थी, अभी उसकी बहन जेल में ही है।

loksabha election banner

चौबेपुर के गांव बिकरू में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस पर गैंगस्टर अपराधी विकास दुबे ने साथियों के साथ हमला कर दिया था। इसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपितों की धरपकड़ शुरू की थी। वहीं एनकाउंटर में आरोपित विकास दुबे, अमर दुबे समेत छह अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। पुलिस ने घटना के बाद विकास के मददगार और घटना की साजिश में शामिल रहे 36 पुरुष व महिला आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

बीते दिनों फरारी में विकास की मदद करने और आश्रय देने वाले सात आरोपितों को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पुलिस ने मामले में विकास दुबे के घर पर नौकरानी रेखा अग्निहोत्री और पति दयाशंकर अग्निहोत्री को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उनकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। मां रेखा के साथ उसकी सात और तीन वर्षीय बेटी भी जेल में थीं। आठ माह बाद बड़ी सात वर्षीय बेटी को कोर्ट के आदेश पर मौसी के सुपुर्द किया गया है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से न्यायालय में उसकी बड़ी बेटी की सुपुर्दगी के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। साथ ही आरोपित रेखा की बहन गुड्डी ने न्यायालय में पेश हलफनामे में बेटी को उनके सुपुर्द करने का अनुरोध किया था। प्रार्थना पत्र के माध्यम से उन्होंने दलील दी थी कि बच्ची के जेल में रहने से उसे मानसिक आघात लगेगा। साथ ही उसकी पढ़ाई भी प्रभावित होगी। बेटी को उनके सुपुर्द करने से उसकी शिक्षा-दीक्षा के साथ ही लालन पालन बेहतर ढंग से हो सकेगा। इस पर न्यायालय ने बच्ची को मौसी के सुपुर्द करने का आदेश दे दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बताया कि न्यायालय ने रेखा की बड़ी बेटी को उसकी मौसी के सुपुर्द कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.