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Vikas Dubey Arrested News: शहीद सीओ के साढू ने उठाए गिरफ्तारी पर सवाल, कहा- विकास का कराया गया सुरक्षित सरेंडर

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के साढृू ने आरोप लगाते हुए कहा कि विकास दुबे का सुरक्षित सरेंडर की पटकथा पहले ही तैयार कर ली गई थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 02:23 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 02:23 PM (IST)
Vikas Dubey Arrested News: शहीद सीओ के साढू ने उठाए गिरफ्तारी पर सवाल, कहा- विकास का कराया गया सुरक्षित सरेंडर
Vikas Dubey Arrested News: शहीद सीओ के साढू ने उठाए गिरफ्तारी पर सवाल, कहा- विकास का कराया गया सुरक्षित सरेंडर

कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के साथ शहीद हुए बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के साढृू ने उज्जैन में मोस्टवांटेड विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को विकास का सुरक्षित सरेंडर करार दिया है और इसमें खाकी और खदीधारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है। कहा है कि इसकी पटकथा पहले ही तैयार की जा चुकी थी।

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चौबेपुर बिकरू कांड के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का पत्र सामने आने के बाद उनके स्वजन पहले से विकास से मिलीभगत का आरोप लगाते आ रहे हैं। मामले में जांच के बाद तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और हलका प्रभारी केके शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार किया जा चुका हैं। वहीं वायरल पत्र की जांच लखनऊ आईजी लक्ष्मी सिंह ने बिल्हौर सीओ कार्यालय पहुंचकर जांच भी की थी और पत्र को सही बताया है। इधर, गुरुवार की सुबह उज्जैन में मोस्टवांटेड विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर शहीद सीओ के स्वजन मुखर हो गए हैं। उनके साढू कमलाकांत ने विकास की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि खाकी और खादी ने एक बार फिर मिलकर विकास दुबे के लिए सुरक्षित सरेंडर की पटकथा तैयार की है।

दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत के दौरान कमलाकांत ने कहा कि एक दिन पहले तक विकास फरीदाबाद में था और लगभग हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करके वह चंद घंटों में उज्जैन पहुंच गया। उज्जैन में उसने महाकाल मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कि विकास ने सरेंडर किया है। वह इस विकास की गिरफ्तारी के घटनाक्रम को संदेह की नजरों से देख रहे हैं। निश्चित तौर पर एक बार फिर खाकी और खादी उसे बचाने में सफल रही, यह जांच का विषय होना चाहिए कि आखिर इतने कम समय में उसे उज्जैन किसने पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उसके चेहरे के हाव-भाव को देखकर लग रहा था कि वह अपने जीवन को लेकर पूरी तरीके से आश्वस्त हो चुका है।


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