उन्नाव के 16 ब्लाकों में स्टॉक कम होने पर टीकाकरण किया बंद, आक्रोशित लोगों ने शुरू कर दिया हंगामा
जहां टीकाकरण किया गया वहां भी दोपहर बाद वैक्सीन समाप्त हो गई। इससे जो लोग टीका लगवाने के लिए लाइन में लगे थे उनमें रोष फैल गया। टीका न लगने से आक्रोशित लोगों ने जिला अस्पताल समेत एक दर्जन से अधिक वैक्सीनेशन सेंटरों पर जमकर हंगामा किया।
कानपुर, जेएनएन। वैक्सीन का स्टाक अपर्याप्त होने से जिले के सोलह में छह ब्लाक क्षेत्रों में शनिवार को अचानक 18 प्लस और 45 प्लस वालों का टीकाकरण बंद कर दिया गया। बिना किसी सूचना के टीकाकरण बूथ बंद होने से जो लोग टीका लगवाने पहुंचे वह सरकार की व्यवस्था को कोसते हुए बिना टीकाकरण के वापस लौट गए। वहीं दूसरी डोज लगवाने पहुंचे लोगों को भी वापस कर दिया। जहां टीकाकरण किया गया वहां भी दोपहर बाद वैक्सीन समाप्त हो गई। इससे जो लोग टीका लगवाने के लिए लाइन में लगे थे उनमें रोष फैल गया। टीका न लगने से आक्रोशित लोगों ने जिला अस्पताल समेत एक दर्जन से अधिक वैक्सीनेशन सेंटरों पर जमकर हंगामा किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन न होने की मजबूरी बता उन्हें किसी तरह शांत कराया।
वैक्सीन का स्टाक बहुत कम होने से शुक्रवार को ही वैक्सीनेशन का कार्य प्रभावित होने की संभावना थी। स्वास्थ्य अधिकारियों को सुबह तक वैक्सीन मिलने की उम्मीद थी लेकिन जब नहीं मिली तो 18 प्लस और 45 वाले लोगों का छह ब्लाकों बीघापुर, सुमेरपुर, पुरवा, फतेहपुर चौरासी, हिलौली और असोहा क्षेत्र में वैक्सीनेशन बूथ बंद कर दिए गए लेकिन इसकी जानकारी न होने से ग्रामीण टीकाकरण कराने पहुंचे बूथ बंद देख स्वास्थ्य कर्मियों को खरी खोटी सुनाई। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 21 जून से चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत वैक्सीनेशन जारी रखा गया लेकिन अधिकांश सेंटरों पर आवश्यकता की आधी वैक्सीन दी गई थी इससे वहां भी दोपहर बाद ही वैक्सीन समाप्त हो गई इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।
इसके अलावा शनिवार को जिला अस्पताल , शुक्लागंज, मियागंज में 18 प्सल और 45 प्लस वालों के टीकाकरण को बूथ खुले लेकिन दो घंटे भी वैक्सीन नहीं चली इससे टीका लगवाने के लिए लाइन में लगे युवाओं ने जमकर हंगामा किया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी तरह समझाबुझा उन्हें सोमवार को टीका लगने का भरोसा दिला शांत कराया। प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नरेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि वैक्सीन का स्टाक समाप्त होने से परेशानी हुई है। सोमवार तक स्टाक आ जाने की संभावना है।
पायलट प्रोजेक्ट के बूथों पर भी समाप्त हुई वैक्सीन : वैक्सीन कम होने से स्वास्थ्य अधिकारियों ने पायलट प्रोजेक्ट के बूथों पर भी पचास फीसद वैक्सीन कम कर दी लेकिन उसके बाद भी भीड़ अधिक पहुंच गई। वैक्सीन समाप्त होने पर बूथ कर्मियों को खरी खोटी सुननी पड़ी। शनिवार को छह में से चार ब्लाक के 38 गांव में टीकाकरण हुआ जबकि, मियागंज और अचलगंज के चिह्नित बीस में से सिर्फ दस गांव में टीकाकरण कराया गया।
मोतीनगर पीएचसी बूथ में तीन दिन से बंद : मोतीनगर पीएचसी में तीन दिन से वैक्सीन का स्टाक नहीं है। जिससे शनिवार को भी लोगों को बिना टीका लगवाए वापस किया गया।
एक दिन में खर्च हो रहीं दस हजार से अधिक डोज :
पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह ब्लाकों में शुरू हुए विशेष टीकाकरण अभियान, 18 प्लस और 45 प्लस वालों के टीकाकरण को मिलाकर जिले में प्रतिदिन औसतन दस हजार डोज वैक्सीन की खपत हो रही है। जबकि, वैक्सीन पांच हजार ही मिल रही है इससे जो पुरना स्टाक था वह भी समाप्त हो गया।
टीकाकरण महाभियान से पहले वैक्सीन का देना होगा स्टाक :
जिले में एक जुलाई से टीकाकरण महा अभियान शुरू होने जा रहा है। जिसमें 30 हजार लोगों का प्रतिदिन टीकाकरण करने का लक्ष्य है। अगर उसके पहले वैक्सीन का स्टाक न मिला तो जनाक्रोश और भड़कने की संभावना है। हालांकि सीएमओ डा. आशुतोष कुमार का कहना स्वास्थ्य महा अभियान से पहले पर्याप्त वैक्सीन का स्टाक मिल जाएगा।