मंडी शुल्क के मसले पर जुटेंगे प्रदेशभर के गल्ला कारोबारी, 27 को कानपुर में प्रदेश कमेटी की बैठक
गल्ला मंडियों में छह दिन कारोबार की बंदी का आंदोलन अाज से खत्म हो रहा है उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने कमेटी की बैठक में व्यापारी नेता मसला तय करेंगे। आढ़तियों ने बीस से पच्चीस लाख रुपये में दुकानें ले रखी हैं।
कानपुर, जेएनएन। मंडी शुल्क के खिलाफ पहले तीन दिन और अब छह दिन की बंदी से भी कोई निर्णय न निकलते देख उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने 27 सितंबर को कानपुर में प्रदेश कमेटी की बैठक बुला ली है। इसमें गल्ला कारोबार से जुड़े नेताओं के बीच मंडी का मसला तय होगा। कारोबारी मंडी के बाहर व्यापार की बात जरूर कह रहे हैं, लेकिन 20 से 25 लाख रुपये देकर ली गईं दुकानें उन्हें यह निर्णय लेने से रोक रही हैं।
जुलाई में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर प्रदेश में गल्ला मंडियों में नौ, 10 व 11 जुलाई को बंदी की गई थी, लेकिन मंडी के अंदर लिया जा रहा ढाई फीसद शुल्क न कम किया गया, न ही खत्म। मंडी में लगातार खत्म हो रहे व्यापार को देख अब 21 से 26 सितंबर के बीच फिर मंडी में कारोबार बंद करने की घोषणा की गई। शुक्रवार को मंडी की बंदी का पांचवां दिन था और शनिवार को इसका अंतिम दिन है।
कोई सकारात्मक हल व्यापारियों के पक्ष में न निकलते देख उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने रविवार को इसी मुद्दे पर आगे के निर्णय के लिए प्रदेश कमेटी की बैठक बुलाई है। मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकुंद मिश्रा के मुताबिक आढ़तियों ने नीलामी में 20 से 25 लाख रुपये लगाकर दुकानें ली हैं। इसके अलावा उन्हें किराया भी देना होता है। ऐसे में बहुत से व्यापारियों को यह भी लग रहा है कि इतना पैसा फंसा कर बाहर कैसे काम करें। गल्ला मंडियों के साथ 27 सितंबर को बैठक बुलाई गई है जिसमें पूरे प्रदेश के कारोबारी नेता होंगे।