खास है तकनीक, तोड़ने पर भी चालू रहता है सीसीटीवी कैमरा, जिनसे अमेरिका में बैठे मालिक ने कानपुर में पकड़वाया चोर
कानपुर के श्यामनगर में दो दिन पहले चोरी की वारदात देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। इसमें खास तकनीक वाले सीसीटीवी कैमरों की खास तकनीक का कमाल रहा जिससे अमेरिका में बैठे मालिक ने चोर को पकड़वा दिया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। चकेरी के श्यामनगर में दो दिन पहले चोरी की वारदात रोकने में जिन सीसीटीवी कैमरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वह अमेरिका से लाकर लगवाए गए थे। इस सीसीटीवी कैमरों की तकनीक बेहद खास है, जिसकी वजह से अमेरिका के शिकागो में बैठे आशुतोष अवस्थी ने कानपुर के मकान में घुसे चोर को पुलिस से पकड़वा दिया। संवाददाता की फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने घटनाक्रम से जुड़़े पहलु और सीसीटीवी कैमरे की तकनीक साझा की।
मां की सुरक्षा के लिए लगवाए कैमरे : आशुतोष ने बताया कि पिता की मृत्यु और बहनों की शादी के बाद उनकी मां घर पर अकेली रहती थीं। हालांकि, उन्होंने अपने गांव फतेहपुर के पपरेंदा के बटाईदार के बेटे शैलेंद्र उर्फ कल्लू को केयर टेकर रखा था। शैलेंद्र फतेहपुर से पालीटेक्निक कर रहा है। मां की सुरक्षा को लेकर ही करीब डेढ़ साल पहले अमेरिका की ब्लिंक कंपनी से सीसीटीवी कैमरे खरीदे। भारत में इस कंपनी के कैमरे फिलहाल कम ही मिलते हैं।
रात 11:38 पर आया अलर्ट : आशुतोष ने बताया कि करीब दो महीने पहले वह कानपुर आए तो मां को साथ ले गए और घर पर ताला लगा दिया। वह और भाई विजय दोनों साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। विजय एचसीएल में है, जबकि वह टीसीएस में कार्यरत हैं। भाई न्यूजर्सी, जबकि वह शिकागो के पास परिवार के साथ रहते हैं। कानपुर में बीते सोमवार की रात 11:38 बजे थे और उस समय अमेरिका में दोपहर का लगभग एक बजा था। ऑफिस में काम करते समय अलर्ट मैसेज आया और कुछ ही देर में भाई विजय ने भी उन्हें फोन करके बताया कि कोई घर के अंदर है। वह पहले से ही सतर्क थे और अलर्ट मैसेज आते ही सक्रिय हो गए। सीसीटीवी कैमरे से छत के रास्ते बदमाश नीचे फांदते दिखे। बदमाश केवल गार्डन एरिया में ही रहे और घर के अंदर नहीं गए।
चोरों को जाने की दी सलाह : उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के साथ आॅडियो स्पीकर भी घर में लगे है, जिससे वह केयरटेकर से अक्सर बातचीत करते हैं। इस सीसीटीवी कैमरे से जुड़े ऑडियो सिस्टम के माध्यम से उन्होंने चोरों को सावधान किया और कहा- वह देख लिए गए हैं, भलाई इसी में है कि लाैट जाएं। इसके बाद चोरों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए लेकिन कुछ हिडेन कैमरे से नजारा दिखाई देता रहा। उन्होंने पड़ोसियों और पुलिस को फोन करके चोरों के घर में घुसने की जानकारी। इसके बाद पुलिस ने मकान घेरकर मुठभेड़ में एक बदमाश को पकड़ लिया। हालांकि आशुतोष ने तीन से ज्यादा बदमाश देखे जाने की जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस ने मकान में काफी तलाश की लेकिन कोई नहीं मिला।
वसूल हो गई पूरी कीमत : आशुतोष ने बताया कि इन कैमरों को लगाने में 25 से 30 हजार रुपये खर्च करने पड़े। रकम बहुत अधिक नहीं है, लेकिन तकनीक की मदद से उनके घर चोरी की वारदात नहीं हो पाई। बंद पड़े घर और जिन घरों में बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं, उनके लिए यह सुविधा बेहद कारगर है। एक ही वारदात को नाकाम करके सीसीटीवी कैमरों ने उनकी रकम वसूल करा दी।
कैमरे की खासियत
तोडऩे व तार काटने पर चालू रहते हैं कैमरे : रात-दिन बेहतर काम करने के अलावा इनकी खासियत यह है कि चोट करके इन्हें खराब नहीं किया जा सकता। इनमें स्पीकर भी लगा होता है, जिनकी मदद से दूर बैठा व्यक्ति अपनी आवाज भी पहुंचा सकता है। इसीलिए चोरों ने कैमरा तोडऩे की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा और कैमरे लगातार काम करते रहे। चोरों ने तार काटकर सोचा था कि संपर्क काट देंगे, लेकिन कैमरों में अतिरिक्त बैटरी लगी है, जो काफी देर तक उन्हें सक्रिय रखती है।
मोबाइल पर इमेज के साथ आता अलर्ट : इन सीसीटीवी कैमरों को उन्होंने अमेजन के अलास्का साफ्टयेवर के जरिए अमेरिका में अपने मोबाइल से जोड़ रखा है। इन कैमरों की जद में जब भी कोई इमेज आती है तो वह तत्काल इमेज के साथ ही अलर्ट मैसेज भेजता है।
अभी और तकनीक बढ़ाने की जरूरत : आशुतोष ने कहा कि इस घटना से उन्हें एक सीख मिली कि कोई भी सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदल सकता है। इसलिए जरूरी है कि कैमरों की सुरक्षा के लिए बाक्स भी हों। इसके अलावा वह साफ्टवेयर में एक बदलाव और चाहते हैं ताकि जरूरत पडऩे पर पड़ोसियों को भी तत्काल अलर्ट किया जा सके।