UPSIDA Scam: अरुण मिश्रा के सहयोगी जेई व एई के खिलाफ चार्जशीट
कानपुर नगर के चकेरी में सड़क निर्माण दिखाकर 2.11 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में पिछले माह पुलिस ने शासन से अभियोजन स्वीकृति लेकर यूपीसीडा के निलंबित प्रधान महाप्रबंधक रहे अरुण मिश्रा को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।
कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के निलंबित प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा के सहयोगी सहायक व अवर अभियंता के खिलाफ भी पुलिस ने पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी पर चल रहा स्टे खारिज कराने के लिए विधिक राय ले रही है।
वर्ष 2009 में चकेरी में नेशनल हाईवे से पाली गांव जाने वाली 1940 मीटर सड़क पीडब्ल्यूडी ने बनाई थी, लेकिन यूपीसीडा अफसरों ने इस सड़क को अपने हिस्से का निर्माण कार्य दिखाकर 2.11 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। जांच के बाद यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह, अवर अभियंता एसके वर्मा, मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच में तत्कालीन मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा भी दोषी पाए गए थे।
पुलिस ने अजीत व ठेका कंपनी के मालिक के खिलाफ पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। पिछले माह शासन से अभियोजन की अनुमति मिलते ही अरुण मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा और उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि जेई व एई के खिलाफ भी आरोपपत्र पीसी कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी पर स्टे है। स्टे खारिज कराने के लिए विधिक राय ली जाएगी।