Move to Jagran APP

#Good News: कानपुर में होंगी फ्लैटेड फैक्ट्री, चार मंजिला इमारतों में लगेंगे उद्योग

उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम दादानगर क्षेत्र में सात हजार वर्गगज में क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के तहत निर्माण कराएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 05:46 PM (IST)
#Good News: कानपुर में होंगी फ्लैटेड फैक्ट्री, चार मंजिला इमारतों में लगेंगे उद्योग
#Good News: कानपुर में होंगी फ्लैटेड फैक्ट्री, चार मंजिला इमारतों में लगेंगे उद्योग

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) फजलगंज के साथ ही दादानगर में भी फ्लैटेड फैक्ट्री में उद्योगों की स्थापना कराएगा। निगम की यहां खाली पड़ी सात हजार वर्गगज भूमि पर अब ग्राउंड फ्लोर के साथ चार मंजिला इमारत बनेगी। इससे कम जगह में ज्यादा उद्योगों की स्थापना हो सकेगी। बहुमंजिला इमारत निर्माण और सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार क्लस्टर डेवलपमेंट योजना के तहत वित्तीय मदद देगी। इससे निगम को निर्माण कार्य में बहुत ज्यादा राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

loksabha election banner

औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए अब भूमि का अधिग्रहण आसान नहीं रह गया है। एक तो ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट या बाजार रेट में जो अधिक होगा उसका चार गुना मुआवजा देना है। इसी तरह शहर में दोगुना मुआवजा देना होता है। इसके बावजूद भूमि नहीं मिल पाती है। भूमि का मुआवजा लेने के बाद भी कई बार आंदोलन होते हैं और मुआवजा बढ़ाना पड़ता है या फिर पुलिस की मदद से कब्जा लेना पड़ता हैं। इससे औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना में बाधा आती है। यही वजह है कि अब केंद्र सरकार फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण पर जोर दे रही है। इससे कम जगह में अधिक फैक्ट्रियों की स्थापना होगी।

केंद्र सरकार फ्लैटेड फैक्ट्री को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद दे रही है। यही वजह है कि अब निगम प्रबंधन आगरा के फाउंड्रीनगर, कानपुर के फजलगंज और दादानगर में फ्लैटेड फैक्ट्री स्थापित कराएगा। बहुमंजिला इमारतों में स्थापित होने वाली इकाइयां पूरी तरह से गैर प्रदूषणकारी होंगी। कारोबारियों को 90 साल की लीज पर हॉल मिलेगा। इसी हॉल में उनका कार्यालय, बाथरूम व अन्य जरूरी सुविधाएं भी होंगी।

उद्यमियों को यहां उद्योग लगाने के लिए बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि विभागों की एनओसी नहीं लेनी होगी क्योंकि भवन निर्माण के साथ ही ये जरूरी अनापत्ति प्रमाणपत्र ले लिए जाएंगे। यहां लिफ्ट की सुविधा भी होगी। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनने के बाद उसे निगम की बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.