यूपीसीए पर मनमानी का आरोप, एपेक्स सदस्य ने चुनाव अधिकारी से की शिकायत, बोले- रोका जाए चुनाव
यूपीसीए के चुनाव 15 फरवरी को कराने की तैयारी है। इय बीच एपेक्स सदस्य ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यूपीसीए सदस्यता में व्यावहारिकता नहीं बरत रही है। साथ ही कहा कि हाई कोर्ट में लंबित याचिका पर निर्णय से पहले चुनाव गलत है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) का 42 साल बाद प्रस्तावित चुनाव को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चुनाव के लिए 15 फरवरी की तारीख तय होने के बाद अब एपेक्स सदस्य और बागी गुट की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले राकेश मिश्रा ने यूपीसीए पर मनमानी का आरोप लगाकर चुनाव अधिकारी एके ज्योति से हाई कोर्ट का फैसला आने तक चुनाव स्थगित करने की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को भी जानकारी दी है।
राकेश मिश्रा ने कहा कि यूपीसीए की वह शीर्ष परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 33318/21 लगाई है। इसकी सुनवाई तीन फरवरी को होनी है। उन्होंने कहा कि यूपीसीए ने सात सदस्यीय निदेशक मंडल का गठन किया है, जो अयोग्य है। चुनाव को प्रभावित करने के लिए अवैध रूप से नए आजीवन सदस्यों और सामान्य सदस्यों को यूपीसीए में शामिल किया है, इसमें शीर्ष परिषद से कोई विचार नहीं किया गया। साथ ही यूपीसीए की चुनावी भूमिका में केवल 41 जिला क्रिकेट संघों को दिखाया जाता है जबकि कुल 75 जिला क्रिकेट संघ हैं। शेष को मतदान के अधिकार से वंचित करना सुप्रीम कोर्ट की लोढ़ा समिति के फैसलों का उल्लंघन होगा। उन्होंने चुनाव अधिकारी को अवगत कराया कि यूपीसीए चुनाव में हेरफेर के लिए गलत तरीके से सदस्य शामिल कर रहा है। राकेश मिश्रा ने यूपीसीए के चुनाव अधिकारी से की गई मांग से बीसीसीआइ और आला अधिकारियों को ई-मेल के जरिए अवगत कराया।
बोले जिम्मेदार : यूपीसीए में चुनाव की तैयारी है। हाई कोर्ट का जो फैसला आएगा, उसका पालन किया जाएगा। कुछ लोगों की ओर से चुनाव को प्रभावित करने के लिए यह सब किया जा रहा है। - मो. फहीम, कार्यकारी सचिव, यूपीसीए।