यूपीसीए के 32 सदस्य हाई कोर्ट में रखेंगे अपना पक्ष, अब तीन फरवरी को फिर होगी सुनवाई
यूपीसीए के 32 सदस्यों को हाई कोर्ट ने नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। निदेशक और लाइफ मेंबर की नियुक्ति को लेकर यूपीसीए और एपेक्स का विवाद लंबे समय से चल रहा है। अब अगली सुनवाई तीन फरवरी को होगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) और एपेक्स के बागी सदस्यों के बीच चले विवाद पर सोमवार को सुनवाई की गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा। जिसकी सुनवाई अब तीन फरवरी को पडऩे वाली अगली तारीख में की जाएगी।
एपेक्स सदस्य और याचिकाकर्ता मनोज पुंडीर ने बताया कि वर्चुअल हुई सुनवाई में लगभग 40 मिनट तक चली। इसमें हाई कोर्ट ने यूपीसीए के 32 सदस्यों को नोटिस के जरिए जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इसमें यूपीसीए के निदेशक और लाइफ मेंबर शामिल किए गए हैं। जिन्हें जल्द ही नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किया। याचिकाकर्ता के मुताबिक यूपीसीए ने नियमों की छज्जियां उड़ाते हुए गैरकानूनी ढंग से एपेक्स काउंसिल के अलावा एक समानांतर बोर्ड आफ डायरेक्टर बनाया है। जो एपेक्स के सारे कार्य अपने हिसाब से संचालित करता है। हाल में संपन्न हुई एजीएम में भी मनमानी से कई फैसलों पर सहमति जताकर उन्हें नियमानुसार दिखाने का प्रयास किया गया है। जो पूरी तरह से गलत हैं।
जिस पर हाई कोर्ट ने यूपीसीए से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। यूपीसीए के कार्यकारी सचिव मो. फहीम ने बताया कि हाई कोर्ट से प्राप्त होने वाली नोटिस के आधार पर सदस्य अपना जवाब रखेंगे। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की ओर से ऐसा कुछ भी नहीं किया गया जो नियमों के खिलाफ रहा हो। बागी गुट के कुछ सदस्य विवाद को बढ़ाने में लगे हुए हैं। जिसके कारण यूपीसीए की छवि धूमिल हो रही है। जल्द ही यह सब समाप्त होगा।