पढ़िए - जाम मुक्त कानपुर जैसे मुद्दों पर क्या कहते हैं उप्र सेतु निर्माण निगम के जीएम राकेश सिंह
दैनिक जागरण आपके लिए हर सप्ताह साक्षात्कार लेकर आता है। साक्षात्कार में हम जिले के किसी न किसी सम्मानित व्यक्ति से कानपुर के विकास कानून व्यवस्था आदि पर चर्चा करते हैं। इस बार हमने उप्र सेतु निर्माण निगम के महाप्रबंधक राकेश सिंह से चर्चा के कुछ अंश पेश किए हैं।
कानपुर, [सप्ताह का साक्षात्कार]। शहर में जाम की बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए फ्लाईओवर, रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण बहुत ही जरूरी है। सरसैया घाट पर पुल निर्माण और गोविंदनगर से दीप टाकीज तिराहे तक फ्लाईओवर के निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है। पनकी पावर हाउस और भाटिया तिराहा से पनकी हनुमान मंदिर जाने वाले मार्ग व जयपुरिया क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की जरूरत है। ये जरूरतें कब पूरी होंगी, शहर जाम से कब मुक्त होगा, जैसे शहर के प्रमुख मुद्दों पर दैनिक जागरण ने उप्र सेतु निर्माण निगम के महाप्रबंधक राकेश सिंह से बातचीत की। पेश हैं साक्षात्कार के अंश...
भाटिया तिराहे से पनकी पावर हाउस तक रेलवे क्रासिंगों पर ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य कब शुरू होगा?
- दोनों क्रासिंग पर दो-दो लेन के ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य अप्रैल से होगा। निर्माण सेतु निगम खुद करेगा। पावर हाउस के सामने वाले ओवरब्रिज की लागत 26.73 करोड़ और दूसरे की लागत 32.1 करोड़ रुपये है। जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इनका निर्माण इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जैसे ही नया पावर प्लांट शुरू होगा वहां मालगाडिय़ों का आवागमन बढ़ेगा और फिर जाम की समस्या बढ़ेगी।
- झाड़ीबाबा पड़ाव और करबिगवां क्रासिंग पर बन रहे पुलों का निर्माण अर्से से हो रहा है। इसे पूरा करने में आखिर क्या अड़चन है?
- अब कोई दिक्कत नहीं है। जो बाधाएं थीं उन्हें दूर कर लिया गया है। जून तक ये कार्य पूरा हो जाएगा। करबिगवां क्रासिंग के प्रोजेक्ट को जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसी तरह अखरी गांव के पास नदी पर पुल बन रहा है, वह भी जून में पूरा हो जाएगा।
- जयपुरिया और सरसौल क्रासिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण की योजना कब तक मंजूर होगी ?
-साढ़े सात सौ मीटर लंबे दो लेन पुल के निर्माण की लागत 65.20 करोड़ रुपये है। रेलवे से मंजूरी मिल चुकी है। हमने मुख्यालय प्रोजेक्ट भेजा था। जल्द ही शहरवासियों को इस पुल का तोहफा मिल जाएगा। रही बात सरसौल क्रासिंग की तो वह पुल भी रेलवे में मंजूर हो गया है। रेलवे ही इसका निर्माण करेगा। इसकी लागत 69 करोड़ रुपये है।
- गोविंदनगर में जाम की समस्या बहुत बड़ी है। इसके समाधान के लिए क्या उपाय किया जा रहा है ?
- हां गोविंदनगर में जाम की समस्या है। इसके समाधान के लिए ही दोनों पुलों को जोड़ते हुए दीप टाकीज तिराहा तक 1219 मीटर लंबे फोरलेन फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा है। प्रोजेक्ट को उपयुक्त माना गया है। उम्मीद है कि इसे भी जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।
- दादानगर रेलवे क्रासिंग पर समानांतर पुल के निर्माण की योजना कब परवान चढ़ेगी?
- समानांतर पुल के निर्माण के लिए प्रोजेक्ट पहले से ही तैयार है। उसे रेलवे और सेतु निगम मुख्यालय भेजा गया है। पांच लाख ट्रेन व्हीकल यूनिट होनी चाहिए। अब पुन: सर्वे कराया जाएगा। चूंकि निरंतर वाहनों की संख्या बढ़ रही है। यह मानक पूरा होने की उम्मीद है। मानक पूरा होने पर रेलवे से मंजूरी में आसानी होगी। जल्द ही यह तोहफा भी मिलेगा।
- चकेरी क्रासिंग पर पुल न होने से औद्योगिक क्षेत्र में निवेश नहीं हो रहा है आखिर क्रासिंग पर पुल का निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है?
- ऐसा नहीं है। इस क्रासिंग पर पुल के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर सहमति मांगी गई है। सहमति मिलने पर प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। पुल की वहां जरूरत है, इसीलिए प्रस्ताव भेजा गया है।
- सरैया क्रासिंग पर पुल के निर्माण की योजना वर्षों पहले बनी थी, लेकिन अभी तक निर्माण क्यों शुरू नहीं हुआ?
- सरैया क्रासिंग पर पुल के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। शासनादेश जारी होते ही वहां समय से निर्माण होगा और काम निर्धारित अवधि में पूरा होगा। यह प्रोजेक्ट ट्रांसगंगा सिटी और शहरवासियों के लिए बहुत ही उपयोगी होगा।