Lockdown-4.0: मास्क न लगाने पर अबतक 600 लोगों का चालान, अनुमति के बाद ही बाइक पर चलेंगे दो सवार
उप्र महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) नियमावली के तहत अधिकारियों ने तैयारी कर ली है।
कानपुर, जेएनएन। मुंह पर मास्क, गमछा या दुपट्टा न पहनकर सार्वजनिक स्थान पर घूमने वालों से अब जुर्माना वसूला जाएगा। पहली-दूसरी बार में 100 रुपये लिए जाएंगे और तीसरी या अधिक बार पकड़े गए तो 500 रुपये देने होंगे। इसी तरह सड़कों पर थूकने और दोपहिया वाहन की पिछली सीट पर बैठने पर भी जुर्माना लिया जाएगा। शासन से जारी उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) नियमावली के तहत जुर्माना वसूलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब तक जिले में 600 से ज्यादा लोग बिना मास्क लगाए घूमते पकड़े जा चुके हैं। इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन और महामारी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा किया गया था।
100 से 500 रुपये तक लगेगा जुर्माने
एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार ने बताया कि कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) नियमावली के तहत महामारी के दौरान सेवारत स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ हसा या संपत्ति का नुकसान करने पर महामारी (संशोधन) अध्यादेश 2020 के तहत दंडित करने का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थान याघर के बाहर मुंह पर मास्क, गमछा, रूमाल, दुपट्टा, स्कार्फ न पहनने पर और थूकने पर 100 से 500 रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा।
अधिक बार पकड़े जाने 1000 रुपये जुर्माना
लॉकडाउन का उल्लंघन करते मिले, उनसे पहली बार 100 से पांच सो रुपये तक, दूसरी या अधिक बार पकड़े जाने पर 500 से 1000 रुपये तकजुर्माना लिया जाएगा। दोपहिया वाहन की पिछली सीट पर यात्र करने पर पहली बार 250, दूसरी बार 500 और तीसरी बार 1000 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। चौथी बार पकड़े जाने पर ड्राइ वग लाइसेंस निरस्त कराया जाएगा।
हरबंशमोहाल, अनवरगंज में सबसे ज्यादा पकड़े गए
लॉकडाउन शुरू होने के बाद से बिना मास्क लगाए सड़कों पर घूमते हुए सबसे ज्यादा लोग हरबंशमोहाल और अनवरगंज थाना क्षेत्र में पकड़े जा चुके हैं। दोनों थानों को मिलाकर करीब 90 लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है। बाकी थानों में भी 500 लोगों के खिलाफ मास्क न लगाने पर मुकदमा लिखा जा चुका है।
आवश्यक होने पर अनुमति लेकर चल सकेंगे दो सवारी
एसपी ने बताया कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर लोग आवश्यक परिस्थितियों में दोपहिया पर दो सवारी चल सकेंगे, लेकिन हेलमेट जरूर पहनेंगे। सभी मामलों में जुर्माना वसूलने की शक्ति संबंधित न्यायालय, कार्यपालक मजिस्ट्रेट या इंस्पेक्टर व उनसे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारियों के पास होगी।