UP Police के नाम एक और रिकॉर्ड, 58 दिन में मिला इटावा की मासूम को न्याय, दुष्कर्मी को उम्रकैद
Child Harresment In UP 18 जनवरी 2021 को अपराह्न खेत पर चारा लेने गई चार साल की बालिका को अकेला पाकर उसे सरसों के खेत में ले गया वहां उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। बालिका की चीख-पु़कार सुनकर खेत पर कार्यरत लोग घटना स्थल की ओर दौड़े।
इटावा, जेएनएन। Child Harresment In UP चार साल की बालिका से दुष्कर्म करने के आरोपित को अपर सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद सिंह यादव ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात दोषी माना। इसके तहत उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। घटना के 58 वें दिन निर्णय होने से महिला उत्पीड़न के अपराधियों में कानून का भय देखने को मिला।
ये है मामला
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि थाना बढ़पुरा में इसी थाना व गांव के अरुण पुत्र राजेश के खिलाफ दुष्कर्म करने तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अभियाेग दर्ज कराया गया था। बताया गया कि अरुण 18 जनवरी 2021 को अपराह्न खेत पर चारा लेने गई चार साल की बालिका को अकेला पाकर उसे सरसों के खेत में ले गया वहां उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। बालिका की चीख-पु़कार सुनकर खेत पर कार्यरत लोग घटना स्थल की ओर दौड़े तब तक अरुण भाग गया। करीब तीन बजे खेतों पर काम कर रहे लोग बालिका को उसके घर लेकर आए। घायलावस्था में बालिका को थाने और फिर जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उसका उपचार शुरू हुआ था।
आरोपित पक्ष ने पंचायत चुनाव की रंजिश का दिया हवाला
तत्कालीन थाना प्रभारी बढ़पुरा जीवाराम यादव ने इस मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए तलाश शुरू की। 20 जनवरी 2021 की रात फोर्स के साथ अभियुक्त अरुण को चंबल नदी पुलसे गिरफ्तार करने का दावा किया गया। इसके पश्चात विवेचना शीघ्रता से पूर्ण करके एक फरवरी 2021 को न्यायालय में अरुण के खिलाफ आरोपपत्र प्रस्तुत कर दिया। शासकीय अधिवक्ता अजीत तोमर तथा विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो आशीष तिवारी ने साक्ष्यों के आधार पर कड़ी सजा दिए जाने की अपील की जबकि आरोपित के अधिवक्ता ने साक्ष्यों को संदेहजनक करने का भरपूर प्रयास करते हुए कहा कि प्रधानी के चुनाव की रंजिश के चलते अरुण को फंसाया गया है। एडीजे काशी प्रसाद यादव ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात उपरोक्त निर्णय सुनाया।
इनका ये है कहना
एसएसपी आकाश तोमर ने कहा कि पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते इतनी जल्दी न्यायालय द्वारा यह फैसला सुनाया गया है। अरुण को घटना के 24 घंटे बाद ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।