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बांदा में मौरंग माफिया संरक्षण देने के मामले में एएसपी निलंबित, एसटीएफ एसएसपी की रिपोर्ट के बाद सामने आया सच

जिले में जमकर अवैध खनन हुआ ओवरलोडिंग चरम पर रही। कोतवाली थने और चौकियों के सामने से ओवरलोड ट्रक निकलते रहे। माफिया खाकी से बेखौफ रहे। शिकायतों पर पुलिस रटा-रटाया जवाब देती रही कि पुलिस को जांच का अधिकार नहीं है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 05:29 PM (IST)
बांदा में मौरंग माफिया संरक्षण देने के मामले में एएसपी निलंबित, एसटीएफ एसएसपी की रिपोर्ट के बाद सामने आया सच
एएसपी के निलंबन से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

बांदा, जेएनएन। लाल सोने के लिए बदनाम बांदा के एएसपी रहे महेंद्र प्रताप चौहान अवैध खनन और परिवहन में ऐसे डूबे कि गुपचुप जांच होती रही और उनको खबर तक नहीं हुई। एक जनप्रतिनिधि की शिकायत के बाद शासन स्तर से जांच शुरू हुई। एसटीएफ एसएसपी की जांच रिपोर्ट के बाद अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने तत्काल प्रभाव से मंगलवार देर रात निलंबित कर दिया। अब उनको मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। अब जिले में एएसपी की कमान लक्ष्मी निवास मिश्र को सौंपी गई है। 

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जिले में जमकर अवैध खनन हुआ, ओवरलोडिंग चरम पर रही। कोतवाली, थने और चौकियों के सामने से ओवरलोड ट्रक निकलते रहे। माफिया खाकी से बेखौफ रहे। शिकायतों पर पुलिस रटा-रटाया जवाब देती रही कि पुलिस को जांच का अधिकार नहीं है। जबकि शाम ढलते ही मध्य प्रदेश से मौरंग लदे ओवरलोड ट्रकों की कतार गुजरती रही। चर्चाओं के मुताबिक एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान की शह पर माफिया बेखौफ रहे और संबंधित थानों के जिम्मेदारों ने आंख पर पट्टी बांध ली। हर माह थैली की खनक ने पूरा असर दिखाया। एक जनप्रतिनिधि ने पूरा काला चिट्ठा शासन को भेज शिकायत दर्ज कराई थी। 

एसटीएफ एसएसपी को जांच सौंपी गई। जांच में अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप चौहान और मौरंग माफिया गठजोड़ सामने आ गया। जिसके बाद उनको निलंबित कर दिया गया। तैनाती के दौरान शासन और विभागीय उच्चाधिकारियों की मंशा के अनुरूप वह काम करने में असफल साबित हुए हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अवैध खनन और परिवहन करने वाले माफिया पर अपेक्षित कार्रवाई नहीं की। हालांकि मंगलवार रात ही शासन ने जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह का भी तबादला कर दिया है। इसको लेकर भी चर्चा का दौर काफी गर्म है। 

कौन है एसपी सिंह, जो पास कराता था ट्रक : जांच रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यालय स्तर से किसी एसपी सिंह के मोबाइल फोन का प्रयोग खनन माफिया द्वारा अवैध वसूली में प्रयोग होने की पुष्टि हुई। एसपी सिंह मध्य प्रदेश से मौरंग लदे ट्रकों को अवैध तरीके से पास कराता था। 

गिरवां व नरैनी क्षेत्र से पास कराए जाते वाहन : जांच के दौरान पता चला कि नरैनी कोतवाली और गिरवां थाना क्षेत्र से एमपी की ओर से आनेवाले ओवरलोड वाहनों को पास कराया जाता था। ऐसा कराने में कथित एसपी सिंह बातचीत में एएसपी से मिलने का जिक्र करता रहा है। 

पहले भी मिल चुकी है चेतावनी : महेंद्र प्रताप चौहान को इसके पहले भी उच्चाधिकारियों द्वारा चेतावनी दी जा चुकी है। कर्तव्यों में घोर लापरवाही पर अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन ने उनकी व्यक्तिगत पत्रावली पर दो और चित्रकूटधाम परिक्षेत्र आइजी के. सत्यनारायण भी कठोर चेतावनी दे चुके हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक उसके बाद भी महेंद्र प्रताप चौहान के कार्य व आचरण में सुधार नहीं हुआ। 

खाकी की छवि की धूमिल, रहे स्वेच्छाचारी : जांच रिपोर्ट में साफ है कि एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान ने जानबूझकर अपने कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती, उदासीन रहने के साथ अकर्मण्यता एवं स्वैच्छाचारिता की गई। शासन व पुलिस विभाग की छवि धूमिल की। जांच के बाद राज्यपाल के अनुमोदन पर अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया। 


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