कानपुर स्मार्ट सिटी को लेकर शासन गंभीर, जुलाई और अगस्त में धीमे कार्यों पर अफसरों से स्पष्टीकरण तलब
कानपुर स्मार्ट सिटी के कार्यों में अगस्त में मात्र 17.43 फीसद राशि ही खर्च की गई और जुलाई माह को मिलाकर दोनों माह में 21.3 फीसद ही खर्च हुआ। इन हालात पर नाराजगी जता शासन स्तर से पूरी योजना में ना होने वाले कार्यों को गिनाया गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। इस वर्ष जुलाई और अगस्त में स्मार्ट सिटी योजना में बहुत ही काम काम हुआ है। इसे लेकर शासन स्तर से अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने नाराजगी जताई गई है और इस पर कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
स्मार्ट सिटी परियोजना में कानपुर नगर का चयन दूसरे चरण में सितंबर 2016 में हुआ था। इसके तहत स्मार्ट सिटी के तहत जो योजनाएं स्वीकृत की गई थीं, उनका क्रियान्वयन पांच वर्ष में कराना था। हालांकि बाद में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस अवधि को 31 मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया था। मुख्य सचिव ने पिछले दिनों स्मार्ट सिटी योजना की समीक्षा की तो पाया गया कि स्मार्ट सिटी कानपुर को 158.1 करोड़ रुपये की लागत के 16 कार्यों का डीपीआर तैयार करना बाकी है।
इसके अलावा 21,190 करोड़ रुपये की 17 कार्यों की निविदा स्वीकृत करना बाकी है। साथ ही 62630 करोड़ रुपये की 38 परियोजना का पूरा किया जाना बाकी है। जांच में यह भी पाया गया कि कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को हर माह 35 करोड़ रुपये खर्च करने हैं लेकिन इसके मुकाबले जुलाई में 8.81 करोड़ और अगस्त में 6.1 करोड़ रुपये ही खर्च हुए। अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने धीमी रफ्तार से हो रहे कार्य और जुलाई व अगस्त में कम खर्च पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।