सरकारी अफसरों की दौड़ पर लगेगी ब्रेक, बिना फिटनेस फर्राटा नहीं भर पाएंगे उनके वाहन
कानपुर में बिना फिटनेस वाले ऐसे 224 सरकारी वाहनों को परिवहन आयुक्त के निर्देश पर नोटिस भेजी गई है । सरकारी विभागों की लापरवाही से ऐसे वाहनों में सफर करने वाले अफसरों को भी खतरा रहता है ।
कानपुर, जेएनएन। सड़कों पर बिना फिटनेस के फर्राटा भर रहे 224 सरकारी वाहनों को आरटीओ कार्यालय से नोटिस आई है। एआरटीओ प्रशासन ने इन वाहनों की फिटनेस की जांच के लिए चार अधिकारियों की टीम बनाई है। वाहनों की फिटनेस जांच शुरू कर दी गई है। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने सरकारी वाहनों की फिटनेस की जांच के निर्देश दिए हैं। जिन सरकारी वाहनों को फिटनेस की वैधता खत्म हो गई है, उनको नोटिस जारी होगी।
सरकारी वाहन है तो किस बात की फिटनेस : सरकारी वाहन है तो फिर डर किस बात का। न तो ट्रैफिक पुलिस न ही परिवहन विभाग इनकी जांच करेगा। यही सोच कर अधिकांश विभाग सरकारी वाहनों की फिटनेस की जांच नहीं कराते हैं। वे यह नहीं सोचते की अगर फिटनेस में कमी होगी तो उसमें सफर करने वाले अधिकारियों के लिए खतरा भी बना रहेगा।
इन परिवहन अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी : यात्रीकर अधिकारी विनय कुमार पाण्डेय, यात्रीकर अधिकारी मानवेंद्र ङ्क्षसह, संभागीय निरीक्षक प्राविधक अजीत सिंह, संभागीय निरीक्षक प्राविधिक प्रेम सिंह को वाहनों की फिटनेस की जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
जिन अधिकारियों को वाहनों की फिटनेस की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है,वे विभागों में वाहनों की जानकारी लेंगे और उनकी जांच करेंगे।
-परिवहन आयुक्त ने सरकारी वाहनों की फिटनेस की जांच के निर्देश दिए हैं। जिन वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है, उन्हें नोटिस भेजी गई है। वाहनों की फिटनेस की वैधता की जांच भी होगी। -अजीत सिंह संभागीय निरीक्षक