कानपुर के एलएलआर हास्पिटल में अब तक नहीं लगा आक्सीजन प्लांट और जनरेशन प्लांट, शासन से मिले थे निर्देश
शासन ने आक्सीजन जनरेशन प्लांट और आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने की स्वीकृति प्रदान की थी। दूसरी लहर के कहर को चार माह बाद भी एलएलआर के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड-19 हास्पिटल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लग सका है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया था। अचानक मरीज बढ़ने से आक्सीजन की कमी से अस्पताल जूझने लगे थे। अव्यवस्था की वजह से काेरोना से मौते भी हुई थीं। इससे सबक लेते हुए शासन ने अस्पतालों में आक्सीजन जनरेशन प्लांट और आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने के निर्देश दिए थे। शुरुआत में तेजी से काम हुआ, लेकिन अब सुस्ती दिखने लगी है। जिले के सबसे बड़े एलएलआर अस्पताल (हैलट) के न्यूरो साइंस सेंटर में अभी तक आक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लग सका है। न ही आक्सीजन पाइप लाइन वार्डों में बिछाई जा सकी है।
शासन ने आक्सीजन जनरेशन प्लांट और आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने की स्वीकृति प्रदान की थी। दूसरी लहर के कहर को चार माह बाद भी एलएलआर के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड-19 हास्पिटल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लग सका है। वहीं, मेडिसिन के वार्ड पांच से लेकर 12 तक अभी तक आक्सीजन पाइप लाइन भी नहीं बिछाई जा सकी है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये आक्सीजन पाइप लाइन के लिए स्वीकृत किए गए हैं। शासन के स्तर से बार-बार आक्सीजन प्लांट भेजने की तिथि बढ़ाई जा रही है। वहीं, आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने के लिए अभी तक टेंडर नहीं हो सका है।
स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंड कारपोरेशन लिमिटेड (यूपी सिडको) को अपने सोशल कारपोरेट रिस्पांसबिलिटी फंड से एलएलआर के न्यूरो साइंस सेंटर में आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाना है। इसके लिए अंतिम तिथि 15 अगस्त थी, लेकिन प्लांट अब तक नहीं मिल सका है। मेडिकल कालेज प्रशासन ने प्लेटफार्म और शेड तैयार करा दिया है। अब प्लांट के प्लेटफार्म से न्यूरो साइंस तक आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने की तैयारी है। नोडल अफसर डा. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि रा मेटेरियल की दिक्कत है, इस वजह से समय लग रहा है। जल्द ही प्लांट आने की उम्मीद है।