Black Fungus के लिए कानपुर में मेडिकल कॉलेज को अलॉट हुए 30 एंटी फंगल इंजेक्शन
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित एक महिला व युवक की हालत गंभीर है। शासन ने एंटी फंगल इंजेक्शन अस्पताल के लिए अलॉट कर दिए हैं। थोक बाजार में इंजेक्शन नहीं है।
कानपुर, जेएनएन। ब्लैक फंगस के पीडि़तों के इलाज के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को 30 एंटी फंगल इंजेक्शन अलॉट हो गए हैं। यह इंजेक्शन सीधे शासन की ओर से अलॉट किए गए हैं।
प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यकर माइकोसिस) के लक्षण वाले मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस का पीडि़त एक 30 वर्षीय युवक भर्ती है। इसके अलावा ब्लैक फंगस के लक्षण के तीन मरीज पहले से ही भर्ती हैं, जबकि मंगलवार शाम को एक 50 वर्षीय महिला भी भर्ती हुई है। इनके नेजल से स्क्रेङ्क्षपग लेकर बुधवार को जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजा जाएगा। यहां भर्ती संक्रमितों के इलाज में सबसे बड़ी समस्या एंटी फंगल इंजेक्शन न मिलने की आ रही थी।
प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने इलाज में आने वाली समस्या से मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी को अवगत कराया था। साथ ही महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) के माध्यम से शासन को भी समस्या बताई थी। सोमवार शाम को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और प्रदेश के ड्रग कंट्रोल समेत पांच निर्माता कंपनियों ने ऑनलाइन मीटिंग की। इसमें 1200 एंटी वायरल इंजेक्शन प्रदेश के लिए अलॉट किए गए, जो उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के माध्यम से सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय संस्थानों को दिए जाएंगे।
इस तरह मिलेगी दवा : प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों का नाम, उनका आधार कार्ड एवं पूरी क्लीनिकल हिस्ट्री डीजीएमई को सीधे मेल की जाएगी। उसके आधार पर एंटी फंगल इंजेक्शन मिलेंगे। कॉलेज के लिए 30 इंजेक्शन अलॉट कर दिए गए हैं।
थोक बाजार में इंजेक्शन नहीं : दि दवा व्यापार मंडल के महामंत्री नंद किशोर ओझा का कहना है कि थोक बाजार में भी एंटी फंगल इंजेक्शन नहीं है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने पांच निर्माता कंपनियों को फिलहाल सरकार को इंजेक्शन सप्लाई करने के लिए ही कहा है, जो उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के माध्यम से वितरित किया जाएगा।