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बसपा छोड़ दो दिन में घाटमपुर से भाजपा-अपना दल गठबंधन की प्रत्याशी बनीं सरोज, जानें- राजनीतिक पृष्ठभूमि

apna dal candidate कानपुर की घाटमपुर सीट से भाजपा-अपना दल गठबंधन से सरोज कुरील को प्रत्याशी बनाया गया है। पिछले चुनाव में वह बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं और दो दिन पहले ही पार्टी छोड़कर अपना दल में शामिल होने की घोषणा फेसबुक पोस्ट से की थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 01:47 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 01:47 PM (IST)
बसपा छोड़ दो दिन में घाटमपुर से भाजपा-अपना दल गठबंधन की प्रत्याशी बनीं सरोज, जानें- राजनीतिक पृष्ठभूमि
बसपा छोड़कर अपना दल में शामिल होते ही सरोज बनीं प्रत्याशी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। दो दिन पहले बसपा छोड़कर अपना दल में शामिल होने की घोषणा फेसबुक पोस्ट पर करने वाली सरोज कुरील को घाटमपुर सीट से भाजपा-अपना दल गठबंधन प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसके बाद भाजपा और अपना दल के बीच झूल रही घाटमपुर विधानसभा सीट पर लग रही सभी अटकलों पर विराम लग गया है। श्वसुर की राजनीतिक विरासत लेकर राजनीति में उतरीं सरोज कुरील लंबे समय से बसपा की सक्रिय सदस्य रही हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं।

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घाटमपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार 2017 में चुनाव जीता था। भाजपा की प्रत्याशी कमलरानी वरुण ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ीं सरोज कुरील को हराया था। कमलरानी वरुण को 92,776 मत और सरोज कुरील को 47,598 मत मिले थे। कोरोना संक्रमण से कमलरानी वरुण का देहांत हो गया था। इसके बाद उपचुनाव में सरोज कुरील चुनाव नहीं लड़ी थीं और भाजपा के उपेंद्र पासवान 60405 मत पाकर जीत दर्ज की थी और सिर्फ 14 माह विधायक रहे। इस बार घाटमपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारने को लेकर भाजपा और अपना दल के बीच मंथन चल रहा था।

वहीं भाजपा से उपेंद्र को दोबारा चुनाव उतारने पर अटकलें लग रही थीं। गुरुवार को सभी अटकलों पर तब विराम लग गया जब दो दिन पहले बसपा छोड़कर अपना दल में शामिल हुईं सरोज कुरील को गठबंधन का टिकट फाइनल हो गया। सरोज कुरील ने 25 जनवरी की शाम फेसबुक पर अपना दल प्रमुख के साथ फोटो पोस्ट करके बसपा छोड़ने की घोषणा की थी। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में सरोज कुरील को मात्र सात सौ वोट से हार मिली थी। इस चुनाव में सपा के इंद्रजीत कोरी 50,669 वोट पाकर विजयी रहे थे और बसपा प्रत्याशी सरोज कुरील को 49,669 मत मिले थे।

ज्वाला प्रसाद कुरील की बहू हैं सरोज

सरोज कुरील भोगनीपुर से तीन बार विधायक और घाटमपुर से एक बार सांसद रहे ज्वाला प्रसाद कुरील की बहू हैं। ज्वाला प्रसाद कुरील भोगनीपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर 1957 में पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद वह 1962, 1969 में भी यहीं से चुनाव जीते। वह 1975 में आपातकाल के दौरान कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी में शामिल हुए थे और 1977 में घाटमपुर सुरक्षित सीट से सांसद बने थे। उस दौरान संसदीय क्षेत्र अकबरपुर की जगह घाटमपुर था। सरोज कुरील के पति सत्य प्रकाश कुरील जल निगम में चीफ इंजीनियर रहे हैं, हाल ही में वे रिटायर हुए हैं।


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